मुंबई : सामाजिक कार्यकर्ता सलमा मेमन में कोई दिखावा नहीं है, इनका काम ही इनकी पहचान है. कोरोना महामारी में गुप्त तरीके से लगातार 251 दिन तक हर रोज 12786 लोगों को दो समय का खाना घर-घर पहुंचाया गया, बेरोजगार जो सड़क पर थे उन तक पहुंचा गया और लगभग 25000 से ज्यादा परिवारों को पूरे महीने के राशन से 7 महीनों में मदद की गई और सिर्फ यही नहीं आज भी जो परिवार उम्मीद फाउंडेशन द्वारा गोद ली गई है उन तक राशन पहुंचाया जा रहा है. सिर्फ यही नहीं लोगों को दवाइयां मास्क, हैंड सैनिटाइजर, एनर्जी ड्रिंक, हॉस्पिटल के इलाज में, घर के अधिक जरूरत चीजों में मदद पहुंचा रही है सलमा मेमन अपनी उम्मीद संस्था द्वारा. जहां डिजिटल एजुकेशन के लिए बच्चों की पढ़ाई रुकी है वहां सलमा मेमन अपनी पूरी कोशिश कर रही है की जरूरत बच्चों तक एंड्राइड फोन और सा साथ ही टेक्सबुक, नोटबुक , स्टेशनरी उन तक पहुंचाई जाए ताकि बच्चों का 1 साल व्यर्थ ना हो और बच्चे ऑफलाइन पढ़ाई कर पाए. किताबों के साथ साथ पेशे से सलमा मेमन एक शिक्षक है तो वह खुद ऑफलाइन वर्कशीट बनाकर नोटस बनाकर मदद कर रही है , बच्चों को 10 से 15 के ग्रुप में अपने घर बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए टेक्सबुक से पाठ समझा रही है, और अपने मोबाइल , लैपटॉप द्वारा स्कूल और कॉलेज के ऑनलाइन एग्जाम देने में मदद कर रही है इनके साथ इनकी पूरी टीम इस कार्य में लगी पड़ी है. इस महामारी के समय में सही मायने में उम्मीद की किरण बंद कर अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों तक मदद पहुंचा रही है सलमा मेमन. इनके इस नेक कार्य के लिए इस कर्म वीर योद्धा को 50 से भी ज्यादा सम्मान मिले हैं पर विशेष रूप में 2 अक्टूबर 2020 में जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड से इंटरनेशनल ग्लोबल पीस अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया है, शिक्षक दिवस पर यूपी वर्ल्ड रिकॉर्ड से एक्सीलेंट शिक्षाविद् आइकन अवार्ड 2020 से सम्मानित किया है, वर्ल्ड रिकॉर्ड यूके में कोरोना योद्धा के नाम से सलमा मेमन और उनकी उम्मीद फाउंडेशन दर्ज हुई है , साथ ही एमपी श्री गोपाल शेट्टी ने भी इन्हें कोरोना योद्धा से सम्मानित किया है. सलमा मेमन का कहना है कि यह कारवां हमने अकेले शुरू किया था पर लोग इसमें जुड़ते गए अपना साथ देते गए और हम यह कारवां बढ़ाते गए. अकेले मैं शायद यह सब नहीं कर पाती पर लोगों ने हम पर इतना भरोसा जताया और हमारी अपील पर साथ दिया, हर जरूरतमंद के लिए मदद पहुंचाने में मदद की, मैं उन सभी की शुक्रगुजार हूं और साथ ही अपने परिवार अपनी मां , अपनी टीम की शुक्रगुजार हूं जिन्होंने इस महामारी के समय पर भी इनका साथ दिया.
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