आशा सहयोगिनी अपनी मांगों को लेकर ब्लॉक सीएमएचओ को सौंपा ज्ञापन
एक आईना भारत
चाकसू:-(अशोक प्रजापत )चाकसू ब्लॉक में हनुमान मंदिर पर प्रदेश अध्यक्ष निर्मला सेन की अध्यक्षता में मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग में अपनी मांगों को लेकर आगे योजनाएं बनाई गई .और आगे कार्य के बहिष्कार करने की चेतावनी दी शुक्रवार को आशा सहयोगिनी कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष निर्मला सेन ने सभी आशाओं के साथ मिलकर ब्लॉक सीएमओ सौम्य पंडित के नाम आशा सुपरवाइजर रामप्रसाद शर्मा को ज्ञापन देकर कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी। जिससे आने वाले दिनों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कतें आने की पूरी संभावना है.
ज्ञापन में बताया गया कि आशा सहयोगिनी द्वारा अल्प मानदेय में आंगनबाड़ी केंद्रों और चिकित्सा विभाग के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है जिसको एक ही विभाग के अधीन किया जाना चाहिए.राजस्थान सरकार के बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का मानदेय बढ़ाया गया लेकिन आशा सहयोगिनी का मानदेय नही बढ़ाया गया है. जबकि फील्ड वर्क आशा सहयोगिनी द्वारा किया जा रहा है।समस्त आशा सहयोगिनी प्रत्येक क्षेत्र में कम मानदेय में कार्य कर रही है वर्तमान समय में कोरोना जैसी बीमारी में आशाओं ने कार्य किया उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनका क्लेम फॉर्म का पैसा रोका गया। वर्तमान समय में आशाओं के क्लेम फार्म जमा नहीं करवाए जाएंगे आगे कार्य का बहिष्कार किया जाएगा
ज्ञापन में बताया गया है कि आने वाले दिनो मे आशा सहयोगिनी द्वारा केंद्र पर नही जाकर कार्य बहिष्कार किया जाएगा।आशा सहयोगिनी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्मिकों को राज्य कर्मचारी बनाए जाने की घोषणा की थी.।अब राज्य सरकार विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कार्मिकों को नियमित राज्य कर्मचारी घोषित करने जा रही है। ऐसे में आंगनबाड़ी आशा सहयोगिनी को भी स्थाई कर राज्य कर्मचारी बनाया जाए। प्रदेश जिलाध्यक्ष निर्मला सेन ने बताया कि सरकार संविदा पर लगे समस्त कार्मिकों को सरकारी कर्मचारी घोषित कर रही हैं। ऐसे में 1970 से आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगे समस्त महिला कार्मिक और आशा सहयोगिनियों जो 2004 से कार्यरत होने के बाद भी 2700 रुपए के मानदेय पर कार्यरत हैं. ऐसे में लंबा समय बीतने के बाद भी महिला कार्मिकों को सरकार स्थाई कर्मचारी नहीं मान रही हैं राज्य में हजारों की संख्या में संविदा पर कार्यरत महिला कार्मिकों ने समय-समय पर स्थायीकरण की मांग को लेकर धरने-प्रदर्शन किए हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी महिला कार्मिकों को स्थाई नहीं करने पर अब इन महिला कार्मिकों में अब आक्रोश टूटने लगा है।ज्ञापन देते समय प्रदेशाध्यक्ष निर्मला सेन के साथ सभी ब्लॉक की आशा सहयोगिनी मौजूद थी
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