बिना खर्चे के मात्र 17 मिनट मे दहेज मुक्त कबीर गुरु वाणी के द्वारा हुई शादी (रमैणी)

बिना खर्चे के मात्र 17 मिनट मे दहेज मुक्त कबीर गुरु वाणी के द्वारा हुई शादी (रमैणी)

एक आईना भारत /अशोक राजपुरोहित 

खरोकडा । शहर के रामदेव कॉलोनी में कबीर गुरू वाणी से बिना किसी दिखावे के रमैणी (विवाह) संपन्न करवाया गया। विवाह बिना दहेज, बिना फिज़ूलखर्ची, बिना शोर-शराबे और बिना दिखावे के बिल्कुल सादगी पूर्वक सम्पन्न हुआ। कबीरपंथी संत रामपाल महाराज के अनुयायियों द्वारा अपने बच्चों की शादी गुरू परम्परा के अनुसार बहुत ही सादगीपूर्ण रूप से कराई। इस मौके पर कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सरकार के नियमों का पालन करते हुए मास्क तथा सोशल डिस्टेसिंग के साथ ग्राम रोडला (जालोर) के भीखाराम की पुत्री गंगा दासी का विवाह ग्राम बाला (पाली) के शंकरलाल जी के पुत्र सुरेशदास के साथ हुई। एवं ग्राम रोडला(जालोर) के भीखाराम की पुत्री जमना दासी का विवाह ग्राम तालियाना(जालोर) के झालाराम के पुत्र महेंद्र कुमार साथ सम्पन् हुआ। दोनो पक्ष से केवल 40 लोग ही इसमें शामिल हुये। मास्क व सोशल डिस्टेसिंग के साथ विवाह संपन्न हुआ। मेहमानो को सिर्फ चाय-बिस्कीट का नाश्ता दिया गया। इस शादी में दुल्हन के हाथों में न कोई मेंहदी लगी थी और न कोई श्रृंगार कर रखा था तथा दुल्हा भी साधारण कपड़ो मे बिना सेहरे के था। दोनों परिवारों  ने फिज़ूलखर्ची को रोकने, दिखावे को बन्द करने और लोगो को जागरुक करने के लिए इस प्रकार का निर्णय लिया। जिला सेवादार सुरेश कुमार ने बताया कि जालोर शहर मे यह इस प्रकार की 5 वी शादी संपन्न हुई। इस प्रकार की शादी मे किसी का भी एक रुपया भी खर्च नही होता है। कबीर गुरुवाणी के द्वारा ऐसी शादी मे दुल्हा दुल्हन के हाथो मे रक्षा सूत्र बांधकर सादगी पूर्वक विवाह करवाकर दुल्हन को विदा किया जाता है। कबीर पंथी संत रामपाल महाराज के ज्ञान से प्रभावित होकर हजारो लोग इस तरह की शादियां कर फिजूलखर्ची पर लगाम लगा चुके है और सभी तरह की सामाजिक कुरीतियों जैसे मृत्यु भोज, नशाखोरी, रिश्वतखोरी, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, जाति प्रथा आदि से दूर हो चुके है। ऐसे विवाह के माध्यम से दहेज व नशा मुक्त भारत बनाने के लिए पूरे देश मे जागरूकता लाई जा रही है। इस शादी मे ओपादास, जालादास, जुजादास, रेशमा, महेन्द्रदास, डूंगर दास पाली दलाराम जी हरिराम अचलादास,सवाराम,हिम्ताराम, दिनेशदास,कैलाश कुमार, सगन दास , जवादास दास , कुयादास बालक दास भभूता राम आदि उपस्थित थे।
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