आस जगी :- इस दीपावली उम्मीदों के रथ पर सवार हैं मिट्टी के बर्तन बनाने वाले

आस जगी :-  इस दीपावली उम्मीदों के रथ पर सवार हैं मिट्टी के बर्तन बनाने वाले

संवाददाता कैलाश सिंह राजपुरोहित

दियों के साथ कुम्हारों की किस्मत जगमगाने की आस,

 

सिवाना :- दीपावली का त्यौहार आने वाला है। प्रधानमंत्री के द्वारा स्वदेशी अपनाओ तथा लोगों द्वारा चीनी सामानों का विरोध के चलते कुमारों को अपनी आजीविका जीवित रखने की उम्मीद है जाग उठी है। उनके बनाए मिट्टी के दीए बाजार में आने लगे हैं। न्यू को खूब जगमग आने के साथ अपना अस्तित्व कायम रखने की उम्मीद जाग उठी है। दीपोत्सव कल से  मनाया जाएगा। बीते एक दशक में दीपावली तैयार मनाने के तरीकों ने मिट्टी के दीयों का अस्तित्व समाप्त सा कर दिया। लोग शंका सोच में डूब कर सकता पर दीए की जगह झालरों और बिजली के अन्य सामानों का उपयोग धड़ल्ले से करने लगे थे। चीनी सामानों,झालरों सहित मोमबत्तियां ने कुम्हारों की आजीविका प्रभावित की है। चीन द्वारा भारतीय जवानों की निर्मम हत्या के चलते चीन के प्रति देश में उपजी नफरत के चलते भारतीयों द्वारा चीनी सामानों का विरोध तथा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशवासियों से स्वदेशी अपनाओ कि अपील के बाद  इस दिवाली कुम्हारों को मिट्टी के बनायें दियो की जबरदस्त बिकवाली की आस लगी है।


इनका कहना है- 
" दीपावली में कुमारों को अपनी दीपावली भी जगमग आने की उम्मीद जगी है चीन के प्रति भारतीयों के गुस्से को देखते हुए लग रहा है कि यह व्रत पिछले सालों की अपेक्षा कुम्हार परिवारों के लिए बेहतर होगा।

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