एक आईना भारत
सोजत कुलदीप सिंह
सोजत मे ऐसे अधिकारी जिन्हे आज भी क्षैत्र वासी यह कहकर कि ना भूतो ना भविष्यति याद करते है
सोजतसिटी 22 दिसम्बर-आजादी के बाद सोजत क्षैत्र मे ऐसे बहुत ही कम अधिकारी हुये है जिन्होने अपनी कर्मठता एवं इमानदारी के बलबुते पर सोजत मे अपनी विशिष्ठ पहचान बनाई एवं लिक से हटकर चुनौतियो को स्वीकारा है ऐसे अधिकारियो के बारे मे सोजत की जनता मे यह उक्ति प्रचलित हो गई कि ऐसे अधिकारी सोजत मे ना भूतो ना भविष्यति आ सकते है इन अधिकारियो ने सोजत की जनता के दिल मे अपनी कर्तव्य परायणता के बलबुते पर स्थान बनाया है एवं आज भी मेहन्दी नगरी सोजत की जनता उन्है बडे सम्मान के साथ याद करती है एवं जब भी कोई प्रसंग चलता है तो उन्है याद किया जाता है ऐसे अधिकारियो मे उपखण्ड अधिकारी के रूप मे महेन्द्र सुराणा जिन्होने सोजत क्षैत्र मे कार्यभार सम्भालते ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे इस अधिकारी ने बिना किसी के दबाव एवं प्रभाव मे आये अपनी प्रभावी कार्यशैली से सोजत को एक अलग दशा एव दिशा प्रदान की उन्होने सर्वप्रथम सभी अधिनस्थ विभागो के अधिकारीयो को चाक चैबन्द किया एवं सोजत मे अतिक्रमण हटाने के लिए कई दिनो तक व्यापक अभियान चलाया जिसे जनता का खुब समर्थन मिला सुराणा ने राजपोल गेट से लेकर धानमण्डी तक जिसने भी अतिक्रमण थे उन्है हटाया अपने तबादले से पूर्व सुराणा की योजना थी कि वे राजपोल गेट से जैतारणिया दरवाजा तक अतिक्रमण इस तरीके से हटाये कि राजपोल गेट से जैतारणिया गेट सीधा नजर आये इस अधिकारी ने सोजत क्लब को पुनर्जिवित किया तथा स्वतंत्रता दिवस एवं गंणतत्र दिवस पर विशेष झांकिया एवं पब्लिक तथा अधिकारियो के बीच मैत्री मैच की परम्परा आरम्भ की इसी प्रकार एक अन्य उपखण्ड अधिकारी शैलेन्द्र श्रीमाली का कार्यकाल भी विशिष्ठ कार्य के लिए याद किया जाता है उन्हौने अपनी ईमानदारी की विशिष्ठ छाप छोडी तथा जब तक आम लोगो के कार्य नही हो जाते थे तब तक वे चैन की सांस नही लेते थे इस अधिकारी ने सभी विभाग के अधिकारियो को सख्त निर्देश दिये थे कि किसी भी व्यक्ति का कार्य अनावश्यक रूप से नही रोका जाए तथा किसी भी प्रकार का सुविधा शुल्क अथवा भेंट ली जाए उन्होने मासिक कार्यक्रम इस प्रकार से बना रखा था कि हर विभाग का फीड बेंक लिया जाता था इसी प्रकार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के रूप मे अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक विकास कुमार का कार्यकाल भी विशिष्ठ कार्यो के लिए जाना जाता है इस अधिकारी ने भी बिना किसी राजनैतिक दबाव प्रभाव मे आये अपराधियो पर नकेल कसी तथा कानुन एवं व्यवस्था बनाने मे महत्वपूर्ण भुमिका निभाई इनके कार्यकाल मे इनके नाम का खौफ इतना था कि किसी की भी हिम्मत गैर कानुनी कार्य करने की नही होती थी इन्होने सोजत क्षैत्र मे नकली घी तथा अन्य अपराधिक तत्वो के कृत्यो पर रोक लगाई एवं असामाजिक तत्वो व नाबालिंग किशोरो द्वारा लापरवाही से वाहन चलाना आदि पर पूर्ण अंकुश लगा दिया।एक अन्य उपखण्ड अधिकारी नन्दकिशोर राजौरा ने भी अपने मधुर व्यवहार एवं कर्मचारियो तथा नागरिको के साथ तालमेल बिठाकर अपने कार्यकाल की विशिष्ठ छाप छोडी हर व्यक्ति का कार्य प्राथमिकता से करने एवं उनको सन्तुष्ट करना राजौरा की खासियत थी कई अभियानो मे जरूरत मंदो को लाभान्वित करने के लिए राजौरा स्वयं कमान सम्भाल लेते थे सोजत के सामाजिक संगठनो के साथ भी उनका तालमेल बहुत अच्छा था।
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