देवी ममता ने पुष्पमाला पहनाकर किया
भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को किया याद
फुले ने महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिए अनेक कार्य किये.देवी ममता
एक आईना भारत
नागौर। कथा वाचिका देवी ममता के सानिध्य में सावित्रीबाई फुले की मनाई गयी।
भागवत कथा मिडिया प्रभारी कंचन पंचारिया ने बताया कि सावित्रीबाई फुले समिति ने देवी ममता के सानिध्य में हनुमान बाग स्थित ज्योतिबा फुले पार्क में सावित्रीबाई फुले जयन्ति का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान देवी ममता ने सावित्रीबाई की मूर्ति पर पुष्पमाला पहनाकर, पुष्प अर्पित कर फुले को याद किया।
देवी ममता ने बताया कि सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विधालय की स्थापना की। महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिए इन्होनें अनेक कार्य किए थे। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए सावित्रीबाई ने का अहम् योगदान रहा। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया, उन्होंने विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना था।
कार्यक्रम के दौरान ज्योतिबा फुले पार्क के पूर्व अध्यक्ष रामजस भाटी, विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवरलाल चैधरी, फुले बिग्रेडियर के अध्यक्ष हेमंत टाक, कानाराम सांखला, सोहन राड़, कंचन पंचारिया, पवन सोंलकी व ताराचंद सांखला सहित माली समाज के बन्धु व अन्य महात्मा फुले के भक्त उपस्थित थे।
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