नयो साल मनाया, पुआ पापड़ी खाया।
अंग्रेजी तारीख का हिसाब सूं नयो साल लागता ही लोग बाग आपस मैं एक दूसरा सूं रामा श्यामा कर रिया छः वया सम्वत कै अनुसार तो नयो साल चैत का महिना की पहली तारीख नै मान्यो जावलो। पण आज काल का लोग बाग तो अब अंग्रेजी तारीख एक जनवरी नै ही नयो साल मनाबा लागगा। अब यो दिन भी साल मैं एक ही बार तो आव छः। ईका हिसाब सूं सभी लोग आप आप का घरां ही पुआ, पापड़ी, खीर, काठा गेहूंआ को सीरो अर जाड़ा मैं पकोड़ी बणाया। अर स्याम होता ही परिवार कै साथ बैठ सभी घर मैं बणायड़ा पकवाना को आंणद लियो। बूढ़ा ठेरा बुजुर्ग तो अब भी सम्वत कै अनुसार ही नयो साल मान छः। आपणी संस्कृति अर रिवाज का हिसाब सूं आबाळा चैत मास की पहली तारीख नै आपणो नयो साल आवलो। पण आज काल का छोरा कै आगै बूढ़ा ठेरा भी वांकी खुशी मैं ही आपकी खुशी मान नयो साल मना रिया छः। गांवा मैं तो नया साल को उल्लास दो तीन दिन ताई चाल छः अर लोग आपस मैं एक दूसरा सूं मिलता ही नया साल की राम राम कर छः। गांवा की परिपाटी कै अनुसार एक दूसरा का सुख दुःख का हाल चाल भी पूछ छः। आज भी बुजुर्ग लोगां नै तो एक दूसरा का हाल जाण तसल्ली मिल जाव छः। पण धीरे धीरे ये परिपाट्या कम हैती जा रही छः। आज काल का छोटा बच्चा बच्या मैं भी नया साल को उच्छब देखबा नै मिल रयो छः। वै भी अंग्रेजी नया साल को दिन आता ही सुबह पैली ही नाह धो अर नया कपड़ा पैर लिया अर घर बड़ा बुजुर्गां कै नया साल को ढोक दे अर चीज का पीसा मांग लिया अब दादा दादी भी ढोक को मान तो राखता ही। जय राम जी की
आर.एन.गौतम
दयापुरा, चाकसू
Tags
chaksu