संवाददाता एक आइना भारत सिरोही
झाड़ोली वीर गांव में निधि संग्रह अभियान के समय एक बालक सुमित कुमार उसके पिताजी के साथ गांव में संपर्क के लिए साथ चला। संपर्क कार्यक्रम पूरा करने के बाद मैंने वहां के कार्यकर्ताओं से विदा मांगी। तभी यह बालक सहसा बोला ," भाई साहब जरा रुकिये।" मैंने कहा ,"क्यों?" तभी वह बिना कुछ बोले तुरंत दौड़ कर गया और वापस आकर 20/-₹ देते हुए बोला,"लीजिए, यह मेरा भी समर्पण ।" सुमित के इस समर्पण ने मुझे श्री राम सेतु के लिए गिलहरी के योगदान का स्मरण करवा दिया।
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