आखिर 3 महीने बाद भी क्यों नहीं हुई टीकम सिंह राजपुरोहित के हत्यारों की गिरफ्तारी ?
दो बार आहोर विधायक ने विधानसभा में भी उठाया मुद्दा फिर भी नहीं लगा कुछ सुराग
पुलिस थाने की सीएलजी मीटिंग में भी उठ चुका है मुद्दा
एक आईना भारत
आहोर कस्बे के खेतेश्वर कॉलोनी निवासी टीकमचंद राजपुरोहित की मौत तीन माह बाद भी रहस्य बनी हुई है। पुलिस इस मामले में अब तक यह पता नहीं लगा पाई है कि बुजुर्ग आहोर से करीब 10 किमी दूर भागली पुरोहितान तक कैसे पहुंचा एवं उसकी हत्या किसने की, पूरा मामला एक तरह से रहस्य बनकर रह गया है।
इधर, मामले को लेकर मृतक के परिजन न्याय को लेकर पुलिस थाने से लेकर कई बार उच्च अधिकारियों के पास चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन पीड़िताें को न्याय नहीं मिला है। जानकारी के अनुसार आहोर कस्बे के खेतेश्वर कॉलोनी निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग टीकमचंद उर्फ तिकमचंद (70) पुत्र सादलिंगजी राजपुरोहित का भागली पुरोहितान सरहद के सुरेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले मार्ग पर स्थित तालाब के किनारे शव मिला था। बुजुर्ग के सिर में धारदार हथियार से वार कर हत्या की गई थी।
तीन माह से मामला रहस्य बना, परिजन परेशान
10 दिसंबर रात को गायब होने के बाद 11 की सुबह शव मिला। पुत्र गोपालसिंह ने आहोर थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज करवाई। तीन माह बीत जाने के बाद टीकमचंद की हत्या रहस्य बनी हुई है। मृतक के परिजन पुलिस थाने एवं उच्च अधिकारियों के पास न्याय के लिए कई चक्कर लगाने के बाद भी कोई न्याय नहीं मिला है। टीकमचंद का हत्यारा नहीं मिलने से परिजनों को भी डर सता रहा।
ये 4 सवाल अब तक अनसुलझे
1. हत्या क्यों हुई
बुजुर्ग टीकमचंद राजपुरोहित के परिजनों के अनुसार किसी भी व्यक्ति से कोई रंजिश नहीं थी, लेकिन उसके बाद 10 दिसंबर की रात को धारदार हथियार से हमला कर बुजुर्ग की हत्या कर दी। पुलिस की जांच में भी अभी तक कोई खुलासा नहीं हो सका है कि हत्या किन कारणों से हुई।
2. भागली तक कैसे पहुंचा बुजुर्ग बुजुर्ग का शव आहोर कस्बे में स्थित खुद के मकान से करीब 10 किमी दूर स्थित भागली पुरोहितान गांव में मिला। 70 वर्ष की उम्र में बुजुर्ग खुद चलकर वहां तक नहीं पहुंच पाता। बुजुर्ग की हत्या के बाद शव भागली पुरोहितान में फेंका गया या फिर हत्यारों ने वहां ले जाकर हत्या की। इस सवाल का भी पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।
3. आखिरी फोन पर किससे की बातचीत मृतक के पुत्र ने रिपोर्ट में बताया कि रात 8 बजे तक बुजुर्ग अपने घर पर ही था। 8 बजे के बाद उसके पास फोन आया। जिस पर घर से बाहर निकले थे, लेकिन उसके बाद वापस नहीं आए एवं सुबह हत्या की जानकारी मिली। जबकि पुलिस का कहना हैं कि अंतिम फोन उनके कोई अन्य कार्य से मिलने वालों का था, जिनसे पूछताछ कर ली।
4. दुश्मनी या रंजिश भी नहीं मृतक के परिजनाें के अनुसार टीकमचंद की किसी से दुश्मनी या रंजिश भी नहीं थी। इसके
बावजूद किसी ने हत्या कर दी। किसी ने बिना रंजिश टीकमचंद काे क्याें मारा, यह भी बड़ा सवाल हैं
राजपुरोहित ब्राह्मण सेवा संघ जालौर ने भी पूर्व में दीया था उपखंड अधिकारी को ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम पर दिया था और 7 दिन का अल्टीमेटम भी दिया था लेकिन उसके बावजूद भी प्रकरण का खुलासा नहीं होना बहुत बड़े दुर्भाग्य का विषय है इस घटना को लेकर संपूर्ण सतीश कॉम में भारी रोष व्याप्त है
इनका कहना
मैं पिछले कुछ दिनों से भीनमाल वाले प्रकरण को लेकर उसमें लगी हुई थी इसलिए इस फाइल को मैं अच्छे से नहीं देख पाई हूं डिप्टी और पुलिस अधिकारियों से चर्चा की थी जिसमें कुछ बातें अभी तक बाकी है परिवारों को निराश होने की जरूरत नहीं है मैं किसी मामले को लेकर जयपुर हूं मेरे आने के बाद परिवार आकर मुझसे मिल सकता है जल्दी से जल्दी इस मामले को सुलझाने जाने की कोशिश करेंगे
अनुकृति उज्जैनिया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जालौर
Tags
ahore