गो चिकित्सालय में खेली गई पत्थरमार होली महिलाओं ने पुरूषों पर बरसाये पत्थर
हल्की चोट लगी तो नन्दा कामधेनु के चरण रज का लेप किया, दर्द हुआ कम
एक आईना भारत / प्रकाश
नागौर। विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी महाराज व संतो के सानिध्य में सैंकड़ो भक्तों की उपस्थिति में हमारी लुप्त हो रही पत्थरमार होली धूमधाम से खेली गई। जिसमें सैंकड़ो गोपालकों ने पत्थरमार होली का आनन्द लिया। इस अनोखी होली में पत्थर का नाम सुनते ही चोट लगने का ख्याल आता है, लेकिन गो चिकित्सालय की मान्यता कहें या गोमाता का आशीर्वाद कि यहाँ भक्तों के किसी भी प्रकार से चोट लगने पर 'नन्दा कामधेनु' चरणों की धूल का लेप लगाने पर तुरन्त आराम मिलता है।
इस दौरान फुलचन्द एण्ड पार्टी ने झालर, मृदंग, ढोलक, हारमोनियम व मजिरा जैसे अनेक वाद्य यन्त्रों द्वारा सुन्दर होली के लोक गीतों की प्रस्तुतियां
महामण्डलेश्वर ने बताया कि , यह हमारी लुप्त हो रही भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है, लुप्त हो रही हमारी इस संस्कृति से अवगत कराना हमारा काम है। इस संस्कृति को जीवित रखने हेतु यह कार्यक्रम नागौर की धरा पर 2019 में सबसे पहले महामण्डलेश्वर ने ही शुरूआत की थी।
पत्थरमार होली देशभर में अलग-अगल हिस्सों में अलग-अलग तरीके से खेली जाती है, लोग पत्थमार होली के सहारे ही आने वाली वर्षा ऋतु में बारिश का अनुमान भी लगाया जाता है। लोग पूरे विश्वास के साथ इस अनोखी होली में शामिल होते है। इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जगहों से आये यात्रियों ने भाग लिया !
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