जवाई नदी के रतनपुरा रपट के पास बजरी का अवैध खनन जारी




जवाई नदी के रतनपुरा रपट के पास बजरी का अवैध खनन जारी

जालौर  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भले ही बजरी खनन पर रोक लगा दी हो. लेकिन जालोर जिले में सुप्रीम कोर्ट के रोक की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जिले में लगातार पुलिस व खनन विभाग पर अब सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नही होने के कारण इसी के चलते बजरी माफियां खुलेआम कारोबार को अंजाम दे रहे हैं ! जालोर जिले में इस नदी सामतीपुरा, महेशपुर जवाई नदी रतन पूरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खनन जारी है। रात के 10 बजे के बाद में अंधेरे में इस नदी में डंपरों और ट्रेक्टरों में बजरी का परिवहन होता है। इस काम के लिए जेसीबी और लोडर का उपयोग किया जा रहा है। इन हालातों में हालात ऐसे हो चुके है कि जवाई नदी के बहाव क्षेत्रों में तल में 10 से 20 फीट गइराई तक गड्ढे हो चुके हैं। विभागीय स्तर पर हालांकि कार्रवाई का दौर जारी जरूर है दिखाने के लिए , लेकिन उसके बाद भी खननकर्ता मौके का फायदा उठाकर रात के अंधेरे में नदी में बजरी की खुदाई और उसके बाद परिवहन करते हैं।
रोक के बाद हालात और भी बदले
शीर्ष न्यायालय की ओर से बजरी खनन पर रोक के बाद हालात काफी बदले, पहले इसके लिए चिह्नित स्थानें से बजरी का खनन हो रहा था, लेकिन अब प्रशासन, पुलिस की कार्रवाई से बचने को नदी के बहाव में उन स्थानों पर खनन हो रहा है, जहां कार्रवाई मुश्किल से हो सके। इन हालातों में संबंधित क्षेत्रों में नदी के बहाव क्षेत्रों में गहरे गड्ढे हो चुके हैं। बारिश के दिनों में इन गहरे गड्ढों से जहां पानी के बहाव में दिक्कत हो सकती है। वहीं पानी का भराव होने के बाद जन हानि का कारण भी ये गड्ढे बन सकते हैं। इसके साथ - साथ में कहीं बार जरूर बजरी के डंपर पकड़े जाते हैं ! परंतु लेकिन यहां निगरानी की जिम्मेदारी संभालने वाले विभागीय अधिकारियों की मेहरबानी से बजरी का खनन भारी मात्रा में जारी है। इससे न केवल सरकार को राजस्व आय का नुकसान हो रहा है। बल्कि नदियों का स्वरूप भी बिगड़ चुका है। सामतीपुरा व महेशपुरा , जवाई नदी रतन पूरा क्षेत्र में की जवाई नदी में बड़ी बड़ी गहरी खाइयां हो चुकी है। यहां से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में डंपर भरकर बजरी अवैध खनन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय के नजदीक होने के बाद भी पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं लेकिन ये नाकाफी है। मामले में खास बात यह है कि न्यायालय की ओर से अभी तक बजरी खनन के लिए रोक के बाद किसी तरह की नई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है। जिसके चलते माफियां खुलेआम 10 बजे के बाद सड़को पर दौड़ रहे बजरी भरे डम्पर और सभी निर्माण कार्यों तक बजरी का अवैध खनन करने के साथ इनका परिवहन जारी है।
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