*सवा लाख रूपये धोखाधड़ी मामला : इंसाफ कि लड़ाई अंजाम तक आई*
एक आईना भारत /
खरोकडा / अजमेर के सबसे चर्चीत सवा लाख रूपये कि धोखाधड़ी मामले में इंसाफ कि लड़ाई अब अपने अंजाम कि ओर बढ़ रही है, इस मामले कि जांच जब से अजमेर के आईजी एस सेनगाथिर ने मदनगंज पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मनीष चारण को सौंपी है, तब से मदनगंज पुलिस एक्शन में दिखाई दे रही है, पुलिस ने इस मामले में पत्रकार गौरव राजपुरोहित, पिडित के माता-पिता और बैंक मैनेजर का बयान दर्ज कर लिया है, इस मामले में अब रोज नये- नये खुलासे हो रहे हैं, इस मामले में रवि वैष्णव नाम के शख्स का नाम सामने आ रहा है, सूत्रों से पता चला है, कि रवि वैष्णव ने ही पिडित को शशि पारिक से मिलवाया था, और पिडित को याद ही नहीं है, कि रवि वैष्णव कोन है ? इस मामले मे पत्रकार गौरव राजपुरोहित ने अजमेर पुलिस से कुछ तीखे और सुलगते सवाल पूछे है ,1: पुलिस कि जांच डेढ़ साल बाद भी अधूरी क्यो ?, 2: एएसआई भंवरलाल जाट और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेश खंडेलवाल ने किस ऐगल से इस मामले को झूठा बताया? 3: जांच में दैरी कर क्या इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है, अजमेर पुलिस? 4: अगर मदनगंज पुलिस ने कुछ छिपाया नहीं तो इतनी सारी संस्थाओं ने अजमेर एसपी को लेटर क्यो भेजा? 5: इस मामले पर पुलिस और नेताओ की चुप्पी क्यो? गौरव ने कहा कि वो सच के साथ है, और यह सवाल हर किसी के मन उठ रहे है। जानकारी से यह भी पता चला है, इस मामले का संदिग्ध आरोपी शशि पारिक फरार है, शशि पारिक वहीं है, जिस पर पत्रकार गौरव राजपुरोहित और पिडित ने आरोप लगाया है, कि उसने पिडित के साथ सवा लाख रूपये कि धोखाधड़ी कि है, पुलिस ने संदिग्ध आरोपी के रिश्तेदारों से पुछताछ करने के बाद किशनगढ़ के कई जगहों पर छापेमारी कि है, पुलिस इस मामले से जुड़े रवि वैष्णव नाम के शख्स का पता लगाने में भी जुटी हुई है, अब देखना ये है, कि इंसाफ कि इस लड़ाई में पिडित को इंसाफ कब मिलेगा ?
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