जालोर महोत्सव को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यों में आगे रहते हैं माहेश्वरी, कई बार कर चुके हैं रक्तदान
सांचोर शहर में रोटरी क्लब के गठन में इनकी रही अहम भूमिका, युवाओं के लिए है प्रेरणा के स्रोत
एक आईना भारत /
सांचोर। समाज सेवा औऱ व्यापार के बीच बेहतर समन्वय बनाकर अपने सामाजिक जीवन मे अलग पहचान बनाना टेढी खीर होता है पर इसको सच कर दिखाया समाजसेवी औऱ पाँच बार रक्तदाता नखत मल माहेश्वरी ने।नाम आपके औऱ मेरे लिए जितना जाना पहचाना है उतना ही आमजन के प्रति सेवा का जज्बा भी है।घर घर औऱ गाँव गाँव तक अपनी और अपने साथियों की तरफ से सेवा में कोई कमी नहीं रहे इसका हमेशा हर काम मे ध्यान रखते है।बहुमुखी प्रतिभा के धनी नखतमल माहेश्वरी ने बचपन से स्कुली स्तर पर ही स्काउट के माध्यम से समाज सेवा का भाव अपने मन मे जगाया इसी की बदौलत उनको वर्ष 2000 में स्काउट में राज्य स्तर के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।2009-2009 में उन्होंने पत्रकारिता में स्नाकोत्तर की उपाधी भी प्राप्त की।सांचौर औऱ चितलवाना उपखंड पर कोई सामाजिक औऱ प्रशासन के स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन हो उसमें समाजसेवी नखतमल माहेश्वरी की उपस्थिति नहीं हो यह हो नही सकता। स्वयं नखतमल माहेश्वरी भी खुद बड़ी ईमानदारी औऱ नैतिकता के साथ निस्वार्थ भाव से अपनी भूमिका बखूबी निभाते है।इसी सेवा के जज्बे के आधार पर लगभग 2015 से जालौर महोत्सव में चितलवाना के लगातार सात वर्षो से उपखंड समन्वयक बने हुए है। 2015 व 2017 में भीषण बाढ़ में भी अपनी स्वयं की गाड़ी से नेहड़ क्षेत्र में विभिन्न स्वंय सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर जनता की सेवा की।अंतरराष्ट्रीय स्तर के रोटरी क्लब को सांचौर उपखंड तक लाने औऱ उसके गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।स्वयं पंतजलि युवा भारत के कार्यकर्मों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। पिछले ग्यारह वर्ष से व्यापार में भी अपनी भूमिका को बनाये रखा औऱ अपने व्यापार को सिद्धांत के साथ किया।
मुनाफाखोरी औऱ कालाबाजारी से कोसों दूर नखतमल माहेश्वरी ने आज दिन तक नशे के व्यापार को कोई महत्व नहीं दिया। सकारात्मक सोच के धनी माहेश्वरी हमेशा जनसेवा को महत्व देने के साथ साथ अपनी ईमानदारी औऱ नैतिकता से भी कभी समझौता नहीं करते है।
30 अप्रैल 1983 को चितलवाना उपखंड स्थित केरिया गॉव में जन्मे नखतमल माहेश्वरी ने उच्च माध्यमिक स्तर से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर तक कि शिक्षा अपने जज्बे से स्वयंपाठी के रूप में की।जैसे जैसे समझ बढ़ी वैसे वैसे समाजसेवा का भाव भी बढ़ता गया।आज वो माहेश्वरी युवा संगठन, जालोर विकास समिति, चितलवाना विकास समिति, महेश सेवा समिति सांचोर, रोटरी क्लब सांचोर औऱ पतंजलि युवा भारत जैसी कई स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े हुए है।
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