दुष्कर्मीयो में कानून का भय नहीं।।।। मनोहर सिंह भाटेलाई
byEk Aaina Bharat-
एक आईना भारत/बम्बोर
दुष्कर्मीयो में कानून का भय नहीं।।।। मनोहर सिंह भाटेलाई
दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने से पहले अपराधी एक बार भी नहीं सोचता यह इस बात को साबित करता है की पुलिस प्रशासन का उनको कोई भय नहीं है भारतीय कानून का लचीलापन एवं ऐसे लोगों की मदद करने के लिए आगे आने वाले लोगों का झुंड ही देश में बढ़ते हुए दुष्कर्म का जिम्मेदार है प्रत्येक दिन ऐसी खबरें सुनने को मिलती है और शेरगढ़ में शिक्षक द्वारा 14 वर्षीय नाबालिक छात्रा का शारीरिक शोषण करना तथा एक शिक्षक का इस जघन्य अपराध में मदद करना प्रत्येक पिता के लिए चिंता की लकीरें बढ़ा देता है एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ एक पिता को मजबूर किया जा रहा है कि वह सोचे कि वह अपनी बेटी को पढाऐ कि नहीं जब तक ऐसे लोगों को कठोर से कठोर दंड नहीं मिल जाता तब तक ही स्थितियों में सुधार की अपेक्षा करना व्यर्थ है। युवा लेखक मनोहर सिंह भाटेलाई ने बताया कि सरकार को ऐसे मामलों में तत्परता दिखाते हुए अधिकतम 60 दिन में सजा सुना देनी चाहिए जिससे कानून का भय दुष्कर्मयो में स्थापित हो सके इसके लिए हमें स्वयं अपना दृष्टिकोण बदलना होगा जो घटना किसी और की बेटी के साथ हुई है या होती है वह कभी भी आपके साथ भी आपके साथ भी घटीत हो सकती अगर आप ऐसी घटनाओं पर खामोश रहते हैं तो। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आना होगा तथा पुलिस प्रशासन को भी ऐसे मामलों में बिना लाग लपेट के दुष्कर्म इयों को सजा दिलाकर समाज के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करना होगा तथा साथ ही साथ आने वाली पीढ़ियां ऐसी गलती ना करें इसके लिए शिक्षण व्यवस्थाओं में बच्चों में संस्कार रोपण का काम भी होना चाहिए तथा प्रत्येक गांव के शहर के अपने नजदीक के स्कूलों विद्यालयों कॉलेजों में समय-समय पर समाज के वरिष्ठ लोगों को औचक निरीक्षण करते रहना होगा तथा दुष्कर्मी व्यक्ति को सामाजिक तौर पर पूर्णता बहिष्कार करना होगा तभी जाकर ऐसे मामलों की रोकथाम होगी।