मनोहर अपहरण प्रकरण: सीबीआई जांच शुरू करवाने के लिए युवाओं ने ट्वीटर पर छेडी जंग
हेशटेग #मनोहर_प्रकरण_CBI_जांच_हो
कर किये हजारो ट्वीट
केन्द्र सरकार पर फूटा गुस्सा सीबीआई जांच करवाने की मांग
एक आईना भारत /
खरोकडा / राजस्थान के सबसे बहुचर्चित मनोहर अपहरण मामले की जांच सीबीआई से जल्द शुरू करवाने के लिए युवाओं ने ट्वीटर पर हेशटेग चलाकर मांग की,देखते ही देखते हजारो ट्वीट इस मांग को लेकर होने लगे। युवाओं ने अमितशाह और नरेंद्र मोदी को टेग करते हुए #मनोहर _प्रकरण_CBI_जांच_हो करके हजारो ट्वीट किये। देखते ही देखते ये हेशटेग ट्रेंड करने लगा। इसको लेकर पिछले चार पांच दिनो से सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा था। युवाओं ने ट्वीट करके केन्द्र सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा जाहिर किया। ट्वीट के माध्यम से युवाओं ने पीडित परिवार के पीडा को केन्द्र सरकार के सामने रखा और जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग।
मनोहर अपहरण मामले की जांच सीबीआई को पिछले चार महिने पहले राजस्थान की गहलोत सरकार ने केन्द्र को सीबीआई जांच के अनुशंसा दे दी फिर भी सीबीआई ने इसकी जांच शुरू नहीं की है इसको लेकर पुरे सर्व समाज में गुस्सा हैं क्यों अब तक सीबीआई ने एफ आई आर तक दर्ज नहीं की? पर अब तक जांच शुरू नहीं होने से पीडित परिवार दुखी है। सर्व समाज में रोष है केन्द्र सरकार के खिलाफ गुस्सा हैं
हाईकोर्ट भी लगा चुका है फटकार
पाली जिले के बहुचर्चित नेतरा गांव में मनोहर अपहरण केस की जांच सीबीआई से कराने की राज्य सरकार की सिफारिश के 4 माह बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई कारवाई नही करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराज़गी जताई है हाईकोर्ट जोधपुर के न्यायधीश विजय विश्नोई ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने को लेकर की गई अनुशंसा के चार माह बाद गुजर जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा कोई कारवाई नही किए जाने पर केन्द्र सरकार व सीबीआई डायरेक्टर को तलब किया। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में केन्द्र सरकार व सीबीआई डायरेक्टर को जवाब पेश कर अगली सुनवाई में उपस्थित होने के आदेश दिये है उच्च न्यायलय में अधिवक्ता गणपतसिंह राजपुरोहित के मार्फत याचिका लगाई थी।
क्या है मनोहर अपहरण मामला
पाली जिले के नेतरा गांव का रहना वाला मनोहर अपहरण 23 नवंबर 2016 को हुआ था। मनोहर सुबह 6 बजे फालना कोचिंग क्लासेस में पढने गया था। स्कूल से पढाई करके 11.30 बजे वापस निकला था कि उसका बीच रास्ते में ही अपहरण हो जाता है उसके बाद नजदीक के फालना थाने में एफ आई आर 152 दर्ज करवाई जाती हैं इस मामले को सर्वप्रथम उप अधीक्षक सुमेरपुर के नेतृत्व में जांच शुरु करते हैं अपहरणकर्ता 6 पत्र भी भेजते हैं अपहरणकर्ताओं ने 25 लाख की फिरौती की मांग भी करते हैं फिरौती को लेकर मौके पर पहुंचा भी जाता था। उसके बाद भी अपहरणकर्ता पुलिस और परिवार वालो को घूमराह करता रहता था आखिर में राजपुरोहित समाज व जनप्रतिनिधियों के दबाब के कारण जांच सीआईडी को सौंपी जाती है
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