लक्ष्मण मीणा के परिवार से मिलने चोथे दिन पहुंची अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं डिप्टी




खबर का हुआ असर


लक्ष्मण मीणा  के परिवार से  मिलने  चोथे  दिन   पहुंची अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं डिप्टी

 

 एक आईना भारत  / 

   पीड़ित परिवार पूरे दिन धूप में बैठे रहे आहोर उपखण्ड अधिकारी कार्यलय के सामने धरने पर बैठे रहे  नाबालिक बच्चे भी बैठे हैं धरने पर


शंखवाली गाँव के 11 वर्षिय छात्र लक्ष्मण मीणा हत्याकांड में खुलासे कि मांग को लेकर लक्ष्मण के पिता कालूराम मीणा 4 थे  दिन भी उपखण्ड अधिकारी    कार्यालय  के सामने धरने पर बेठे रहे पिडित पिता का कहना है जब तक आरोपी कि गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक ये धरना प्रदर्शन जारी रहेगा... 
 पूरे दिन धूप में बैठे रहे   तब  प्रशासन  की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  उज्जैनिया एवं डिप्टी धरना स्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की   पीड़ित परिवार और मीणा समाज का यही कहना है जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी हमारा धरना जारी रहेगा

ये है पूरा मामला शंखवाली गाँव में 11 वर्षिय छात्र लक्ष्मण मीणा नाम का छात्र 11 फरवरी को घर से स्कूल के लिए निकला था, लेकिन देर रात घर नहीं पहुंचता सुबह स्कूल के पास खेत में 12 फरवरी 2021 को लक्ष्मण मीणा शव मिलता है। परिवार व मीणा समाज ने शव लेने से इनकार किया था, पुलिस प्रशासन ने मामले में 7 दिन में खुलासे व आर्थिक मुहावजा देने के आवशासन दिया था, तब मीणा समाज के लोगों ने 12 फरवरी को शव को उठाया था और अंतिम संस्कार किया गया था । उक्त प्रकरण पुलिस थाना भाद्राजून (आहोर) में धारा 307 में दर्ज हैं। लेकिन अभी तक ना तो आरोपीयों की गिरफ्तारी और ना हि पिडित परिवार को आर्थिक  मुआवजा   मिला है, आखिर इस गरीब की कब सुनेगी सरकार? या फिर दूसरे हत्याकांड की तरह यह मामला भी फाइलों में बंद हो जाएगा

  आहोर में लगातार हत्याएं और चो रियों की घटनाएं बढ़ने से आमजन में पुलिस प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है लक्ष्मण मीणा का मामला अकेला मामला नहीं है भाद्राजून थाने का यह तीसरा  मामला है जिसमें अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है इससे  किशोर सिंह भोमिया राजपूत जिसमें प्रथम दृष्टया हत्या प्रतीत होती थी लेकिन उस मामले में भी किसी प्रकार की गिरफ्तारी नहीं हुई ओटी  देवी हत्याकांड उसमें भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई  तीन थानेदार बदले फिर भी नहीं हुए आरोपी गिरफ्तार     आखिर कौन है जो इन मामलों का खुलासा होने नहीं दे रहा है पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते हैं लेकिन आरोपी गर्दन तक क्यों नहीं पहुंच रहे हैं एक यक्ष प्रश्न है  ?
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