रायथल गांव की विकलांग महिला सौरभ कँवर राजपुरोहित को सोनू सूद जैसे भामाशाह की जरूरत
रायथल (आहोर) के विकलांग दंपत्ति को सहायता की दरकार
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पत्नी के दोनों गुर्दे एवं यकृत (जिगर) ख़राब । संपत्ति बिक गई लेकिन अब भी नहीं हुआ इलाज
एक आईना भारत / आहोर
आहोर कहते हैं कि ईश्वर जब सुख देने लग जाएं, तब उस व्यक्ति को यह भी मालूम नहीं होता है कि दुःख क्या होता है और भगवान् जब दुःख देने पर उतारू हो जाएं, तब वह यह भी भूल जाता है कि दुनिया में सुख नाम की भी कोई चीज़ हुआ करती है । ऐसी ही विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है आहोर तहसील के रायथल गांव के प्रतापसिंह राजपुरोहित पुत्र स्वर्गीय मसरा जी का परिवार । इस परिवार से राम तो रूठा ही रूठा, राज भी रूठ गया है ।
प्रतापसिंह राजपुरोहित एवं उनकी पत्नी सौरभ कंवर दोनों ही दिव्यांग हैं । प्रताप सिंह ने बी एड कर रखी है । वह शिक्षित बेरोज़ग़ार हैं । आठ साल अनुदेशक, चार साल प्रेरक रहे प्रताप सिंह राजपुरोहित के हंसते-खेलते परिवार की ख़ुशियों को यकायक सन् 2017 में ग्रहण लग गया । उनकी पत्नी श्रीमती सौरभ कंवर की दोनों किडनी ख़राब हो गईं । यकृत (लीवर) भी संक्रमित हो गया । जोधपुर स्थित एम्स एवं निजी चिकित्सालय गोयल हॉस्पिटल में उपचार करवाया । महंगे उपचार में घर के बर्तन-भांडे, मक़ान, ज़ेवर-आभूषण, ज़मीन-ज़ायदाद सब बिक गए ।
2 साल से रह रहे हैं रानीवाड़ा में
पीड़ित का परिवार इलाज सही नहीं मिलने के कारण पर गुजरात जाने में नजदीक होने के कारण 2 साल से किराए का मकान लेकर रानीवाड़ा के प्रताप चौक में ही रह रहा है
पति-पत्नी दोनों ही दिव्यांग हैं । दोनों ही चालीस प्रतिशत से अधिक शारीरिक विकलांगता के शिक़ार हैं । दोनों के पास चिकित्सकीय विकलांगता प्रमाणपत्र भी हैं ।
सरकारी सहायता भी नहीं मिल रही है बराबर
सौरभ कवर विकलांग होने के बावजूद भी उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है और जब बच्चों का पिता विकलांग होता है तो उनके बच्चों को पालनहार योजना द्वारा प्रत्येक माह ₹1000 देने का प्रावधान है लेकिन बच्चों को वह राशि भी सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है
प्रतापसिंह राजपुरोहित का परिवार खाद्य सुरक्षा के दायरे में आता है । लेकिन ₹2 किलो के हो राशन डीलर द्वारा नहीं दिया जाता है । इस लिहाज़ से केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत एवं राजस्थान सरकार की चिरंजीवी योजना के तहत उपचार के लिए सरकारी इमदाद की पात्रता रखने के बावजूद योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है । बीपीएल योजना में नाम है लेकिन ना तो प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है और
इलाज के लिए 2000000 रुपए की है आवश्यकता
प्रतापसिंह राजपुरोहित की पत्नी सौरभ कंवर के उपचार के लिए चिकित्सकों ने 20 लाख रुपए का ख़र्च बताया है लेकिन इतना पैसा उनके घर पर नहीं होने के कारण प्रताप राजपुरोहित ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी सभी भामाशाह से मदद की गुहार लगाई है
इनका कहना
पीड़ित की डिटेल मुझे व्हाट्सएप कर दीजिए मैं दिखवाती हु
नर्मदा वृष्णी
जिला कलेक्टर जालौर
मेरे पत्नी की पेंशन और मेरे बच्चों की पालनहार योजना शुरू करावे सरकार और भामाशाह मिलकर मेरी पत्नी का इलाज करावे
प्रताप सिंह रायथल
दिव्यांग
जिला प्रशासन और सांसद फंड से इस पीड़ित महिला का इलाज करवाया जाए और इन्हें सरकारी सहायता से जोड़ा जाए
भरत सिंह राजपुरोहित अगवरी
रक्त कोष फाउंडेशन ब्लॉक प्रभारी आहोर
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