अवैध रूप से स्लरी का निस्तारण किये जाने पर होगी कार्यवाही
जालोर ग्रेनाईट औद्योगिक इकाईयों द्वारा निर्धारित डम्पिंग यार्ड के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर अवैध रूप से स्लरी घोल का निस्तारण किये जाने पर संबंधित इकाई या उद्योग के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल बालोतरा के क्षेत्रीय अधिकारी रवि कुमार चन्देल ने बताया कि ग्रेनाईट औद्योगिक इकाईयों द्वारा ग्रेनाईट पत्थर तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान पत्थर की कटाई, घिसाई व पॉलिस से स्लरी बहुतायत मात्रा में उत्पादित होती है। प्रदूषण मण्डल कार्यालय को समय-समय पर शिकायतें प्राप्त हो रही है कि इकाईयों व उद्योग मालिकों द्वारा सड़क किनारे एवं निजी खातेदारी भूमि में अनियमित रूप से स्लरी का निस्तारण किया जा रहा है जो कि नियम विरूद्ध है तथा इस अपशिष्ट के सूक्ष्म कणों से वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने सभी इकाईयों को निर्देशित किया हैं कि वे अपनी इकाईयों से उत्पन्न होने वाले स्लरी पाउडर को सरकार, रीको अथवा ग्रेनाईट एसोसिएशन द्वारा निर्धारित या अधिकृत डम्पिंग यार्ड में निस्तारित करवाना सुनिश्चित करें। इस संबंध में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में 29 जुलाई को आयोजित बैठक में ग्रेनाईट एसोसिएशन को पाबन्द किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि भविष्य में औचक निरीक्षण के दौरान किसी भी इकाई द्वारा निर्धारित डम्पिंग यार्ड के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर ट्रेक्टर द्वारा अवैध रूप से स्लरी घोल का निस्तारण करता हुआ पाया जाता है तो संबंधित उद्योग के विरूद्ध जल अधिनियम, 1974 की धारा 33 (ए) एवं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत उद्योग को बंद करवाने की कार्यवाही अविलम्ब अमल में लाई जायेगी।
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