संतों की वाणी ईश्वर की वाणी, हमारा जीवन बदलती है-सोमनाथ भारती

मासिक सत्संग कार्यक्रम में संतो के प्रवचन

संतों की वाणी ईश्वर की वाणी, हमारा जीवन बदलती है-सोमनाथ भारती

मरुधर आईना / 

नागौर।  गौ  चिकित्सालय में महामण्डलेश्वर स्वामी कुषालगिरी महाराज के सानिध्य में भादवा के पावन माह में चल रहे मासिक सत्संग कार्यक्रम में प्रतिदिन आध्यात्मिक प्रवचन व अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। इस दौरान उज्जैन (मध्यप्रदेश) से पधारे संत सोमनाथ योगी व  संत बालूनाथ योगी का इस सत्संग में सानिध्य मिला। 
इस दौरान प्रवचन देते हुए सोमनाथ योगी ने बताया कि वास्तविक संत और भगवान में कोई भेद नहीं होता और संत के माध्यम से भगवान ही सारा कर्म करते है। संत के माध्यम से भगवान ही बोलते है। इसलिए जब हम किसी महापुरूष की वाणी का श्रवण करते है तो वह हमारे अंतःकरण पर काफी प्रभाव डालता है। 
          ऐसा प्रभाव माया मोह में फंसे व्यक्तियों के कथन का नहीं पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि संत- महापुरूष के वचनों को बार-बार सुनना चाहिए। 
       योगी ने कहा कि हमारे अंत-करण की प्रवृति लगातार बदलती रहती है। पता नहीं किस क्षण की कौन सी बात हृदय को लग जाए और हम अपने कल्याण के लिए संकल्पित होकर जीवन भक्ति पथ की ओर मोड़ ले। साथ ही श्रद्धालुओं को अजा एकादषी पर दान- पुण्य करने का भी महत्व बताया।
                गो चिकित्सालय के व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि इस कार्यक्रम में पधारे हुए संतो का स्वागत सम्मान किया। सत्संग में बड़ी संख्या में आये श्रद्धालुओं का चुरू के  गायक कलाकार फुलचन्द एण्ड पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां देकर, तिलक व पुष्पवर्षा द्वारा मान सम्मान किया। सभी श्रद्धालुओं के लिए  प्रसाद, शरबत व चाय-पानी की  व्यवस्था की। 
    इस कार्यक्रम में अजा एकादशी पर आप-पास के गांवों व दूर-दराज से पधारे गोभक्तों ने दिनभर बढ़-चढ़कर गोदान कर पुण्य प्राप्त किया।
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