नेतरा की बेटी हिना राजपुरोहित
का राजस्थान सीनियर महिला क्रिकेट टीम में चयन
म्हारी छोरियां कोई छोरों से कम है
नेतरा खुद ही को कर इतना बुलंद खुद से पहले खुद खुदा तुम्हें पूछे हैं बंदे तेरी रजा क्या है इसी कहावत को चरितार्थ किया है नेतरा गांव की बेटी हिना राजपुरोहित ने संसाधनों के अभाव में क्रिकेट खेलना नहीं छोडा गांव के लोग ताने भी मारते थे कितनी बड़ी हो गई है घर के काम कर क्रिकेट में कुछ नहीं रखा है फिर भी गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने का क्रम जारी रखा पर अपनी स्वर्गीय माता की पुण्यतिथि के दिन राजस्थान की महिला क्रिकेट टीम में हिना चयन होना अपनी माता का आशीर्वाद कहे या कोई भगवान का उपहार राजपुरोहित की इस उपलब्धि पर गांव के छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों सभी के जुबान पर आज सबसे पहले हिना राजपुरोहित की तारीफ की जा रही है जिसके कारण हिना फुले नहीं समा रही है
भाई लोकेश राजपुरोहित ने बताया कि
14 वर्षीय हिना राजपुरोहित का राजस्थान सीनियर महिला टीम में चयन हो गया है और सोमवार से भीलवाड़ा में खेलना शुरू कर दिया है हिना के पिता किसान महेंद्रसिंह के अथक प्रयासों से नेतरा की हीना राजपुरोहित का चयन 14 वर्षीय बालिका वर्ग की राजस्थान वर्ल्ड चैंपियनशिप के सीनियर वर्ग केटेगरी में हुआ है । जैसा कि हिना राजपुरोहित के भाई गौरव सिंह शुरू से ही क्रिकेट प्रेमी रहे है और ऐसे में उनका सपना था कि उनकी बहन क्रिकेटर बने लेकिन 1 वर्ष पूर्व हिना की माता का निधन होने के कारण पूरा परिवार टूट गया फिर भी हिम्मत नहीं आ रही परिवार और गांव के सहयोग के कारण हिना राजपुरोहित के परिवार में केवल उनके पिता और भाई है और पिता किसान है लेकिन फिर भी हिना ऐसी परिस्तिथियों का सामना करते हुए भी क्रिकेट ट्रायल में भाग लिया । इस कार्य में भाई राहुल सिंह देवेंद्र सिंह, लोकेश राजपुरोहित विनोदसिंह देवेंद्र सिंह सिसोदिया गौरव राजपुरोहित भरत भाई अर्जुन सिंह ,जयेश पुरोहित रणजीतसिंह नेतरा, कमलेश सिंह का सहयोग रहा ।
पूर्व जिला अध्यक्ष करण सिंह नेतरा शुभकामनाएं दी और प्रथम प्रयास में ही उन्होंने डीसीए का चयन हासिल किया राजपुरोहित फिलहाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नेतरा में ही अध्यनरत है
माता के निधन के बाद घर मे अकेली थी फिर भी खेलने का पूरा मानस बनाया-
हिना का शुरू से ही सपना था कि वो क्रिकेटर बने ऐसे में गांव में कोई लडकिया नही खेलती थी लेकिन हिना को क्रिकेट का भूत सवार था ऐसे में वह लड़को के साथ ही क्रिकेट खेलने निकल जाती थी । और 14 वर्षीय हीना का पूरे मैदान में सर्वश्रेस्ठ स्कोर रहता था । 1 वर्ष पूर्व माता का भी निधन हो गया उसके बाद भी हिना ने प्रयास जारी रखा और इस वर्ष की राज्य स्तर पर महिला सीनियर टीम में हिना ने जगह बनाई ।
इनका यह कहना
मुझे बचपन से ही क्रिकेट में बहुत रुचि थी बहुत सारे लोग ताने भी मारते थे क्योंकि मेरे हेयरकट का स्टाइल बच्चों जैसा रहता था फिर भी मुझे मेरी मंजिल की तरफ जाना था उसके लिए लगातार संघर्ष करती गई जिसके कारण आज मेरा सीनियर क्रिकेट टीम में चयन हो हुआ मेरा सपना है कि मैं राष्ट्रीय स्तर पर खेल कर मेरी माता को श्रद्धांजलि दू
हिना राजपुरोहित
क्रिकेटर
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