जीवन को आबाद एवं बरबाद करना दोनों अपने हाथ में : रजतचंद्रविजय
भीनमाल
बावन जिनालय झाबुआ में चल रहे चातुर्मास के दौरान मुनिराज रजतचंद्र विजय म.सा. ने कहा कि आज हम लोगों के करीब है एवं परमात्मा से दूर है। परमात्मा के पास पहुंचने के तीन रास्ते है। पहला करेक्शन, भुलों का सुधार। लेखक सुंदर लेख लिखते हैं, भूल नहीं करते है, जिससे रचना सबकी प्रिय बनती है । वैसे ही कम पाप करने वाले या बिल्कुल पाप नहीं करने वाले को, प्रभु प्रिय बनाते है और स्नेह भी करते हैं । दूसरा कलेक्शन, जीवन में अच्छी चीजों का कलेक्शन होना चाहिए । बुरी चीजे छुटना चाहिये। जीवन को आबाद करना व बरबाद करना दोनों अपने हाथ में है। बागवान के हाथों में होता है, उद्यान की सुंदरता व रक्षा करना । वैसे ही दोष मुक्त भक्त को प्रभु भी चाहते हैं। प्रभु के पास पहुंचने का तीसरा रास्ता है, कनेक्शन। संसार के संपर्क से जीव दुखी होता हैं । प्रभु के सम्पर्क से सदगति मिलती है। मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि मुनिराज के सारगर्भित प्रवचन से प्रभावित होकर गादिया परिवार के सदस्यो ने रात्रि भोजन का त्याग, प्रभु पूजा व सामायिक आदि के नियम धर्मसभा में ग्रहण किए। नूतन गृह के कल्पवृक्ष एवं राजपथ नामकरण दिये गए। मुनि ने दोनों नाम की व्याख्या भी की । बुधवार को होगा सरस्वती महापूजन मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि मुनि रजतचन्द्र विजय और मुनि जीतचन्द्र विजय की निश्रा में बस स्टेंड के निकट मनोकामना गार्डन पर बुधवार को सरस्वती महापूजन का कार्यक्रम होगा । इसमें मध्यप्रदेश के लघु उद्योग मंत्री ओमप्रकाश संकलेचा, सांसद गुमानसिंह डामोर, झाबुआ विधायक कांतिलाल भुरीया सहित कई जन प्रतिनिधि विशेष रुप से उपस्थित रहेंगे । इस अवसर पर विभिन्न स्कूल् से 2000 बच्चे भी भाग लेंगे । जिसकी सम्पूर्ण तैयारी पूर्ण हो कर ली गई है ।
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