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पैदल यात्रा कर हरियाणा से बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने पहुंची गाय की बछिया, दिखा भक्ति का अनोखा मंजर




 आम आदमी की तो भगवान में आस्था के हजारों उदाहरण रोज मिल जाते हैं, लेकिन पहली बार रामदेवरा में एक गाय की बछिया के बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने की चर्चा चारों ओर फैल गई. 


Pokhran: आम आदमी की तो भगवान में आस्था के हजारों उदाहरण रोज मिल जाते हैं, लेकिन पहली बार रामदेवरा में एक गाय की बछिया के बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने की चर्चा चारों ओर फैल गई. हरियाणा से पैदल आए एक पैदल संघ के साथ आई गाय की छोटी सी बछिया की भक्ति के आगे सभी नतमस्तक हो गए. संघ वालों ने बताया कि ये अंजान बछिया हमारे संघ को रास्ते में मिली और बाबा के दर्शन करने के लिए इसने 550 किमी का सफर तय किया. इस बछिया को देखने के लिए जगह-जगह से लोग आए. रामदेवरा पहुंचे पैदल संघ के प्रमुख मोहन लाल सैनी ने बताया कि हरियाणा के फतेहाबाद जिले में स्थित हरिपुरा धाम से महंत भगत राजेन्द्र के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का संघ रामदेवरा के लिए रवाना हुआ था. इस दौरान एक गाय की बछिया भी संघ के साथ चलने लग गई. इस दौरान पद यात्रियों ने उसको संघ से अलग करने की कोशिश की, लेकिन वो अलग नहीं हुई और संघ के साथ चलती रही. पैदल संघ के रवाना होने के साथ ही बछड़ी के थोड़ी दूर तक साथ चलने पर संघ के यात्रियों ने इस बात पर गौर नहीं किया, लेकिन कई किलोमीटर साथ चलने पर संघ के लोगों का ध्यान इस तरफ गया. संघ से अलग ना होने पर संघ ने इस संघ का हिस्सा बना दिया.


बछिया का नाम रखा गोमती

यात्रा के दौरान सघ के यात्रियों ने बछिया का नामकरण किया गया और उसका नाम गोमती रखा गया. इस दौरान पैदल संघ वालों ने गोमती का पूरा ख्याल रखा. उसको चारा पानी आदि कि व्यवस्था भी समय समय पर करवा देते थे.


समाधि के किए दर्शन

गाय की ये बछिया जो यात्रा पूरी करने के बाद संघ के साथ आज रामदेवरा पहुंची और बाबा रामदेव जी की समाधि के दर्शन किए. बछिया के इस तरह संघ के साथ रामदेवरा पहुंचने पर बाबा रामदेव मंदिर के पुजारियों को जानकारी मिलने पर पुजारियों ने गाय की बछिया को मंदिर की लाइन में दर्शन की इजाजत दी और इस दौरान पुजारियों ने गाय की बछिया का फूलों कि माला पहनाकर स्वागत किया और पूजा अर्चना करवाई.


गोमती को देखने लगी भीड़

बछिया के इतनी दूर से पैदल चलकर आने की खबर रामदेवरा इलाके में फैल गई. बछिया को देखने के लिए लोग उमड़ पड़े. संघ ने यह 550 किलोमीटर की यात्रा 12 दिन में पूरी की है.

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