सूदखोर से परेशान युवक ने जहर खाकर जान दी:2 पेज का सुसाइड नोट मिला, भाई बोला- घर बेचकर रुपए चुकाता लेकिन मरने नहीं देता



पाली- सूदखोर से परेशान होकर एक युवक ने जहर खाकर जान दे दी। मरने से पहले उसने 2 पेज के सुसाइड में चार सूदखोरों पर परेशान करने का आरोप लगाया। युवक ने लिखा कि, रुपए देने के बाद भी ज्यादा ब्याज वसूला जा रहा। अब दुनिया छोड़कर जा रहा हूं। अलविदा। मृतक के 4 महीने पहले ही बेटी हुई थी। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हैं। भाई ने कहा, बस एक बार बता देता कि परेशान हूं। घर बेच सूदखोरों का मुंह बंद कर देता।

पाली के ट्रांसपोर्ट नगर SHO विक्रम सांदू ने बताया कि मृतक के भाई उगम सिंह ने सूदखोरों के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने करने का मामला दर्ज करवाया है। उसने बताया कि छोटा भाई सुरेश सिंह रावणा (30) पुत्र घनसिंह रावणा राजपूत डिस्कॉम ऑफिस में हेल्पर तकनीशियन के पद पर कार्यरत था। परिवार के साथ जनता कॉलोनी में रहता था। 8 मार्च को अपने घर में जहर खा लिया था। जहर खाने के बाद अपनी मां के पास गया। पड़ोसी को बुलाकर मां बेटे को अस्पताल लेकर गई। सूचना पर पुलिस गई युवक का बयान लिया। उसने बताया कि घर में सुसाइड नोट लिखकर रखा है। इस पर पुलिस घर पहुंची और कमरे से नोट बरामद किया। वहीं हालत गंभीर होने पर युवक को जोधपुर रैफर किया गया, जहां इलाज के दौरान बुधवार शाम दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद  शव परिजनों को सौंपा गया।

सुसाइड नोट में सूदखोरों का नाम
SHO ने बताया कि सुसाइड नोट में सुनील प्रजापत, इरशाद, नितेश पुरी और अमित शर्मा के नाम लिखे है। साल भर पहले युवक ने 4 लाख रुपए उधार लिया था। रुपए देने के बाद भी बार-बार परेशान करने का आरोप लगाया है।

परेशान होकर दुनिया छोड़कर जा रहा हूं, अलविदा
युवक ने मरने से पहले 2 पेज का सुसाइड नोट लिखा। उसने 4 सूदखारों पर परेशान करने का आरोप लगाया। युवक ने लिखा- आर्थिक परेशानी के कारण तीन-चार लोगों से रुपए उधार लिया था। सूदखोरों ने 15 से 20 परसेंट ब्याज लिया। मूल चुकाने के बाद भी मनमाना ब्याज वसूला जा रहा था। ब्याज नहीं चुका पाने के कारण उसे तंग-परेशान कर रहे थे। उसकी बाइक तक छीन ली। अब इतना परेशान हो गया हूं कि दुनिया छोड़कर जा रहा हूं। अलविदा।

4 महीने पहले बेटी का हुआ जन्म
भाई की मौत के बाद उगम सिंह का रो-रो कर बुरा हाल हैं। रोते-रोत बोला कि करीब 4 महीने भाई सुरेश के बेटी हुई थी। बेटी का चेहरा देख वह बहुत खुश होता था। ऑफिस से आकर उसके साथ खेलता था। लेकिन उसने अपनी परेशानियां दूसरों के सामने कभी शेयर नहीं की। भाई ने कहा कि बस एक बार बता देता कि परेशान हूं। घर बेच सूदखोरों का मुंह बंद कर देता। लेकिन उसे मरने नहीं देता। यह कोई उम्र हैं क्या दुनिया छोड़कर जाने की। उसकी मौत से पत्नी व परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हैं।
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