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फूड इंस्पेक्टर 17 हजार रुपए रिश्वत लेते ट्रैप:डेयरी ऑपरेटर से सैंपल नहीं भरने की एवज में मांगी थी घूस, एक कर्मचारी भी गिरफ्तार



सिरोही  - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त नजर आ रहे हैं. इसी को लेकर विभाग को आदेश दे दिए गए हैं कि लगातार मिलावटखोरों पर कार्रवाई की जाए. सिरोही जिले के स्वास्थ्य विभाग के फूड इंस्पेक्टर अपने लालच के चलते लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने को तैयार हो जाते हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की और से हो रही लगातार कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी जा रही है.

एसीबी की टीम ने की कार्रवाई

एसीबी की टीम ने सिरोही सीएमएचओ कार्यालय में कार्यरत फूड इंस्पेक्टर और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी फूड इंस्पेक्टर के विरुद्ध परिवादी में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई और बताया कि फूड इंस्पेक्टर डेरी से सैंपल नहीं लेने के एवज में ₹22000 मासिक बंदी की मांग कर रहा था. एसीबी जालौर की टीम ने शिकायत के सत्यापन के बाद आज कार्रवाई कर उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा लिया.

ये है आरोप

एसीबी जोधपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कैलाशचन्द विश्नोई के सुपरविजन में एसीबी जालोर के एएसपी महावीर सिंह ने बताया कि एसीबी की टीम ने पुलिस निरीक्षक राजेंद्र सिंह चारण के नेतृत्व में रिश्वत लेते मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य कार्यालय सिरोही में कार्यरत फूड इंस्पेक्टर विनोद शर्मा को गिरफ्तार किया है. विनोद शर्मा और विशाल को परिवादी से 17 हजार रुपए की रिश्वत लेते एसीबी टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. एसीबी के मुताबिक आरोपित विशाल सिंह ने परिवादी से 22 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. इसके बाद रिश्वत ली और 5 हजार रुपए कम करते हुए वापस लौटा दिए.

सूत्रों के मुताबिक एसीबी में ट्रेप रिश्वतखोर फूड इंस्पेक्टर आलाधिकारियों की मासिक बंधी का लेनदेन भी करता है. ऐसे में एसीबी इस बात की भी जांच कर रही है. रिश्वतखोर पुलिस स्पेक्टर और सहयोगी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के अन्य ठिकानों पर भी एसीबी की टीम दबिश दे रही है.

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