देश के साथ गद्दारी करने वाला DSP शेख आदिल मुश्ताक गिरफ्तार, श्रीनगर में रिश्वत लेकर आतंकियों को बचने की कोशिश



 देश के साथ गद्दारी करने वाला DSP शेख आदिल मुश्ताक गिरफ्तार 

श्रीनगर में रिश्वत लेकर आतंकियों को बचने की कोशिश

जम्मू- कश्मीर में   पुलिस  महकमे के एक DSP  रेंक के  अधिकारी को आतंकी फंडिंग , भ्रष्टाचार व ISI हिज्बुलमुजाहिदीन जैसी आतंकी  संगठन को   सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।  आपको बता दे की आरोपी अधिकारी  शेख आदिल मुश्ताक पर आतंकी फंडिंग मामले में  सबूत मिटने का भी आरोप है। इतना ही नहीं  आतंकियों को  गिरफ़्तारी से बचाने के लिए 5 लाख रुपए रिश्वत भी लेने का इल्जाम है।   

क्या है पूरा मामला ?

 जम्मू -कश्मीर पुलिस में  भ्रष्टाचारी और गद्दार DSP अधिकारी को आतंकी संगठन की मदद व फंडिंग मामले में गिरफ़्तारी से  बचाने और सबूत मिटने के साथ -साथ 5 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ़्तारी का मामला सामने आया है।  जिसमे DSP आदिल ने आतंकी फंडिंग मामले के मुल्जिम मुजम्मिल जहूर से मामले में जांच को सीमित रखने और उसे बचाने के लिए पैसा लिया था। DSP आदिल ने मामले में चल रही है. ,  जांच को गुमराह करने के लिए उसका सहयोग किया था।  जहूर ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया और टेरर फंडिंग मामले में मुल्जिम पुलिस अधिकारी से मिली मदद का खुलासा किया।   जहूर ने FIR  में टेरर फंडिंग मामले के मुख्य मुल्जिम उमर आदिल की रिहाई की मांग करते हुए, DSP से मुलाकत की थी और बदले में अधिकारी ने उसे पैसे  5  लाख रुपए रिश्वत के बदले जांच सीमित रखने का वादा किया था।  जानकारी है की DSP आदिल ने आतंकी फंडिंग मामले के मुल्जिम मुजम्मिल जहूर से मामले में जांच को सीमित रखने और उसे बचाने के लिए पैसा लिया था. सूत्रों ने बताया कि  DSP आदिल ने मामले में चल रही है. जांच को गुमराह करने के लिए उसका सहयोग किया था.

पुलिस की कार्यवाही 

श्रीनगर पुलिस की जाँच के अनुसार , इस साल फरवरी में जब अधिकारी पर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी के इल्जाम लगे थे, तब वह नौगाम के SDPO के पद पर तैनात थे।    जिसके बादमें उनको पद से हटाकर सशस्त्र विंग में ट्रांसफर कर था।   इसके साथ ही मामले की आंतरिक जांच का आदेश भी दिया गया , . जांच के लिए छह सदस्यीय दल का गठन किया गया  और .नौगाम पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 7ए और IPC की धारा 167, 193, 201, 210, 218, 221 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया  था।  

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