तालाब पर पट्टा या साजिश? तखतगढ़ में ‘गवाही जलधार भूमि’ बना जन आक्रोश का केंद्र

तालाब पर पट्टा या साजिश?

तखतगढ़ में ‘गवाही जलधार भूमि’ बना जन आक्रोश का केंद्र

 रिपोर्ट: सोहनसिंह रावणा



तखतगढ़ कस्बे में ऐतिहासिक गवाही तालाब की भूमि पर नगरपालिका द्वारा जारी किए गए पट्टों को लेकर अब जन-आक्रोश खुलकर सामने आने लगा है। नगरवासियों का कहना है कि यह निर्णय नगरहित पर सीधा हमला है, और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

 सर्व समाज की हुंकार – तालाब की भूमि नहीं बिकेगी!

पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अंबा देवी रावल के नेतृत्व में सर्व समाज एवं 36 कौम की संयुक्त आम बैठक आयोजित हुई, जिसमें नगर परिषद के मात्र 5–6 पार्षद ही उपस्थित हुए। परंतु इन पार्षदों ने जनता को भरोसा दिलाया कि वे नगरहित में इस फैसले का विरोध करेंगे। अंबा देवी ने साफ शब्दों में कहा – “हमें बस आपका साथ चाहिए, लड़ाई हम लड़ेंगे।” जनता ने भी एकजुट होकर समर्थन किया और संघर्ष के लिए संकल्प लिया।



 मामला हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंचा

नगरपालिका के फैसले को अंबा देवी रावल ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि गवाही तालाब की भूमि वर्षों से सार्वजनिक जलधार रही है, जिस पर अब सुनियोजित तरीके से अवैध पट्टे दिए जा रहे हैं।

 मंदिर में अनुमति न मिलना बना अलग विवाद

बैठक का आयोजन कुंदेश्वर महादेव मंदिर परिसर में प्रस्तावित था, लेकिन प्रशासन द्वारा अनुमति न मिलने से यह मंदिर के बाहर सार्वजनिक चौक में करना पड़ा। इस पर वरिष्ठ नागरिकों और श्रद्धालुओं ने नाराजगी जताई और पूछा – “जब यह नगरहित की बैठक थी, तो मंदिर परिसर में अनुमति क्यों नहीं दी गई?”



 स्मार्ट मीटर योजना पर भी विरोध के सुर

राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही स्मार्ट बिजली मीटर योजना पर भी सभा में विरोध जताया गया। पार्षद सुरेश सोलंकी ने कहा- “पहले पाली और सुमेरपुर जैसे नगरों में सफल हो जाएं, तब हम विचार करेंगे।”उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि “नगरपालिका के सभी 25 पार्षदों का नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफ और लाइव डिटेक्टर टेस्ट कराया जाए ताकि सच सामने आ सके।

 दारू ठेके और सट्टे बाजार पर भी सवाल

सभा में यह मुद्दा भी उठा कि नगर के शराब ठेके और सट्टा बाजार रात्रि 8 बजे के बाद भी धड़ल्ले से खुले रहते हैं, जिससे युवा पीढ़ी बर्बादी की ओर बढ़ रही है। नागरिकों ने प्रशासन से सख्त कार्यवाही की मांग की।



 अवैध निर्माण वर्षों से जारी, अब जनता जागी

गवाही तालाब की भूमि पर वर्षों से अवैध निर्माण होते आ रहे हैं। लेकिन जब हाल ही में नए पट्टे जारी हुए, तो नगर की जनता ने एकजुट होकर विरोध की आवाज बुलंद की। पूर्व अध्यक्ष सहित कई पार्षदों ने दोहराया: “यह भूमि नगर की है, इसे किसी भी कीमत पर बेचा नहीं जाने दिया जाएगा — जरूरत पड़ी तो न्यायालय की अंतिम सीढ़ी तक जाएंगे।”

 जनता की तीन प्रमुख घोषणाएं:

1. तालाब की भूमि नहीं बिकेगी!

2. स्मार्ट मीटर नहीं लगेंगे!

3 अब जनता चुप नहीं बैठेगी!

 यह सिर्फ आंदोलन नहीं, नगर की अस्मिता की लड़ाई है। जनता अब आर-पार की मूड में है, और तखतगढ़ की सड़कों पर विरोध की गूंज सुनाई दे रही है।


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