भाई की सगाई के बाद खुशियों का माहौल, अब मातम में बदला

 

भाई की सगाई के बाद खुशियों का माहौल, अब मातम में बदला

बांडी नदी में डूबे ललित की 8 दिन बाद भी तलाश जारी, परिजन अब भी जिंदा मिलने की उम्मीद लगाए बैठे

पाली। इंद्रा कॉलोनी में रहने वाले सैन परिवार की खुशियां एक झटके में मातम में बदल गईं। छोटा बेटा ललित सैन (28) गणपति विसर्जन के दौरान 6 सितम्बर को बांडी नदी में डूब गया था। उसके साथ गया दोस्त विजय सिंह की बॉडी दो दिन बाद मिल गई, लेकिन 8 दिन बीत जाने के बाद भी ललित का कोई सुराग नहीं लग पाया है।


शादी की तैयारी से पहले हादसा

ललित की सगाई इसी साल 12 अगस्त को हुई थी। परिवार शादी की तैयारी में जुटा ही था कि यह हादसा हो गया। ललित परिवार का सबसे छोटा और सबसे लाडला बेटा था। वह एसी और फ्रिज का मैकेनिक था। बड़े भाई भरत मजदूरी करते हैं।


मां-बाप की तबीयत बिगड़ी

बेटे के गुम होने की खबर के बाद से पिता हरिराम सैन (हार्ट पेशेंट) और मां सोनी देवी (शुगर पेशेंट) की तबीयत खराब है। वे बार-बार बड़े बेटे भरत से पूछते हैं – “ललित का कुछ पता लगा क्या?” हर बार भरत उन्हें ढांढस बंधाता है कि “टीमें तलाश कर रही हैं, भाई जल्द घर लौटेगा।”

रिश्तेदार लौटने लगे

मुंबई, गांधीधाम, गुजरात और आसपास के गांवों से रिश्तेदार सांत्वना देने पहुंचे थे। लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद जब कोई सुराग नहीं लगा तो कई लोग घर लौटने लगे हैं। जाते वक्त उन्होंने कहा – “ललित मिलते ही खबर करना, हम फिर आ जाएंगे।”


SDRF ने 40 किमी तक बढ़ाया सर्च ऑपरेशन

SDRF की प्लाटून कमांडर अदिति बेनीवाल ने बताया कि रेस्क्यू टीम को चार हिस्सों में बांटकर 40 किमी तक सर्च का दायरा बढ़ाया गया है। नेहड़ा बांध तक खोज अभियान चल रहा है। तीन टीमें नेहड़ा बांध की तरफ और बाकी टीमें घटना स्थल से लौटते हुए तलाश कर रही हैं। विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है।

परिजनों को उम्मीद – भाई सही सलामत लौटे

भाई भरत सैन हर रोज घटनास्थल जाकर ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं। उनका कहना है – “अब भी हमें उम्मीद है कि ललित कहीं झाड़ियों या गड्ढे में फंसा हो और सलामत मिल जाए। भगवान करे हमारे घर की खुशियां मातम में न बदलें।”

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