बीकानेर में वसुंधरा के लिए रुके रहे डोटासरा
नाल एयरपोर्ट पर हुआ सियासी मुलाकात का दिलचस्प वाकया, बोले– आपके आने की सूचना लगी तो रुक गया; राजे मुस्कुराईं– ये अच्छा किया
बीकानेर। राजस्थान की सियासत में गुरुवार दोपहर बीकानेर के नाल एयरपोर्ट पर एक दिलचस्प मुलाकात हुई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच कुछ पल के संवाद ने पूरे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल बना दिया। दरअसल, दोनों नेता बीकानेर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामेश्वर डूडी के निधन पर शोक जताने पहुंचे थे। इस दौरान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को नाल एयरपोर्ट तक छोड़ने पहुंचे डोटासरा को जानकारी मिली कि वसुंधरा राजे भी थोड़ी देर में यहां पहुंचने वाली हैं। यह सुनते ही डोटासरा एयरपोर्ट पर ठहर गए।
“आपके आने की सूचना लगी तो रुक गया” — डोटासरा
जब वसुंधरा राजे एयरपोर्ट पहुंचीं, तो डोटासरा ने आगे बढ़कर उनका अभिवादन किया। मुस्कुराते हुए बोले, “मैं तो जा रहा था, लेकिन आपके आने की सूचना लगी तो रुक गया।” इस पर वसुंधरा राजे ने हंसते हुए उनका हाथ पकड़ लिया और बोलीं, “ये अच्छा किया।” मौके पर मौजूद बीकानेर शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण रही। गहलोत ने कहा, “राजे जी ने डोटासरा का अभिवादन स्वीकार किया और कुछ हल्की-फुल्की राजनीतिक बातें भी हुईं।”
“कांग्रेस में आए तो कैबिनेट मंत्री बन गए” — राजे का जवाब
बातचीत के दौरान डोटासरा ने मुस्कुराते हुए कहा, “आपने खाजूवाला से विश्वनाथ को टिकट दिया तो गोविंद मेघवाल हमारे पास आ गए।” इस पर राजे ने जवाब दिया, “गोविंद के लिए अच्छा हो गया, कांग्रेस में आया तो कैबिनेट मंत्री बन गया। हमें विश्वनाथ मिल गए।” डोटासरा ने भी तुरंत कहा, “हमारे यहां गोविंद तो अब भी आपको याद करते हैं।”
“वहां मिलूंगी” — राजे का हल्का राजनीतिक तंज
बातचीत के बाद जब दोनों नेता आगे बढ़ने लगे, तो वसुंधरा ने पूछा, “अब आप कहां जा रहे हैं?” डोटासरा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “यहां से सीधे अंता जा रहा हूं।” इस पर राजे ने झट से कहा, “वहां मैं आपको सामने ही मिलूंगी।” इस सहज बातचीत ने एयरपोर्ट पर मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी।
राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज
नाल एयरपोर्ट पर हुई यह मुलाकात भले ही औपचारिक रही हो, लेकिन राजनीतिक मायने गहरे हैं। विपक्षी दलों के दो बड़े नेता इस तरह सहजता से बातचीत करते दिखे, यह राजस्थान की राजनीति में दुर्लभ दृश्य माना जा रहा है। गहलोत ने कहा कि दोनों नेता व्यक्तिगत तौर पर एक-दूसरे के प्रति सम्मान रखते हैं। डोटासरा और राजे, दोनों ने ही इस मौके पर आपसी सौहार्द और शिष्टाचार का परिचय दिया।
बीकानेर की सियासी फिज़ा में चर्चा
एयरपोर्ट पर हुई इस छोटी मुलाकात की गूंज अब बीकानेर की सियासी फिज़ा में सुनाई दे रही है। लोग इसे “राजनीतिक मर्यादा और आपसी सम्मान का उदाहरण” बता रहे हैं।