आहोर नगरपालिका की 100 करोड़ की भूमि हड़पने का आरोप
जालोर (उजीर सिलावट)। आहोर नगरपालिका क्षेत्र में लगभग 100 करोड़ रुपए मूल्य की सरकारी भूमि को हड़पने का संगीन मामला सामने आया है। शिवसेना (UBT) ने इसे भूमाफियाओं, नगरपालिका प्रशासन और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम बताते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सोमवार को शिवसेना (UBT) जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित ने जयपुर में ACB महानिदेशक को ज्ञापन सौंपकर समूचे प्रकरण की निष्पक्ष जांच, दोषियों की पहचान और कठोर कार्रवाई की मांग रखी।
दान की गई भूमि में हेराफेरी का आरोप
ज्ञापन में बताया गया कि आहोर के खसरा नंबर 313, 314 और 316 की भूमि वर्ष 1977 में विधिवत दान पत्र के माध्यम से नगरपालिका को सुपुर्द की गई थी। यह भूमि मूल रूप से 11 बीघा 19 बिस्वा दर्ज थी। आरोप है कि अधिकारियों और भूमाफियाओं ने सुनियोजित तरीके से राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर भूमि की कुल मात्रा को मनमाने तरीके से बढ़ाकर लगभग 19 बीघा दिखा दिया। शिवसेना प्रतिनिधियों का कहना है कि दान पत्र, हाईकोर्ट व राजस्व मंडल के पूर्व आदेश स्पष्ट होने के बावजूद दस्तावेजों में फेरबदल किया गया, जो गंभीर घोटाले की ओर संकेत करता है।
8 बीघा अतिरिक्त भूमि भूमाफियाओं के नाम
ज्ञापन में यह गंभीर आरोप भी लगाया गया कि अभिलेखों में की गई इसी हेराफेरी का लाभ उठाते हुए नगरपालिका की लगभग 8 बीघा अतिरिक्त भूमि को भूमाफियाओं के नाम कर दिया गया। इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग 100 करोड़ रुपए से अधिक बताया जा रहा है। शिवसेना के अनुसार यह पूरा खेल भ्रष्ट अधिकारियों और भूमाफियाओं की सांठगांठ से चलाया गया, जिससे नगर की कीमती सरकारी भूमि को निजी स्वार्थ के लिए हड़पने का रास्ता बनाया गया।
न्यायालयी आदेश का गलत उपयोग कर रातों-रात नामांतरण
ज्ञापन के अनुसार, 3 नवंबर 2025 के न्यायालयी आदेश की गलत व्याख्या कर, आहोर के तहसीलदार और उपखंड अधिकारी ने मात्र 7 दिन बाद — 10 नवंबर 2025 की रात में ही— अवैध रूप से नामांतरण कर दिया। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यह जल्दबाज़ी अपने आप में संदिग्ध है और अवैध लाभ पहुंचाने की नीयत को सिद्ध करती है।
ACB महानिदेशक ने दिया सख्त कार्रवाई का भरोसा
ज्ञापन सौंपने के बाद ACB महानिदेशक ने मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की जांच कर जनता में जागरूकता और पारदर्शिता की स्थापना ही ACB का मुख्य उद्देश्य है। महानिदेशक ने यह भी कहा कि यदि आरोप सत्य पाए गए तो संबंधित अधिकारियों और लाभान्वित व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
स्थानीय स्तर पर मचा हड़कंप
इस पूरे प्रकरण ने आहोर नगरपालिका और राजस्व विभाग में हड़कंप मचा दिया है। राजनीतिक गलियारों से लेकर आमजन तक, हर जगह इस जमीन घोटाले की चर्चा है। लोग उम्मीद जता रहे हैं कि ACB की कार्रवाई से सच्चाई जल्द सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।