गर्लफ्रेंड के खर्च पूरे करने में कर्ज चढ़ा तो बन गया तस्कर: 544 किलो डोडा-पोस्त के साथ पकड़ा गया, स्कॉर्पियो में 20 किलोमीटर तक पुलिस ने किया पीछा

गर्लफ्रेंड के खर्च पूरे करने में कर्ज चढ़ा तो बन गया तस्कर: 544 किलो डोडा-पोस्त के साथ पकड़ा गया, स्कॉर्पियो में 20 किलोमीटर तक पुलिस ने किया पीछा

बाड़मेर। राजस्थान एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (NATF) ने सोमवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 544 किलोग्राम डोडा-पोस्त से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी को जोधपुर में पीछा कर पकड़ा। पुलिस ने आरोपी से 35 जिंदा कारतूस, एक मैगजीन और छह अलग-अलग नंबर प्लेटें भी बरामद कीं। कार्रवाई के दौरान आरोपी करीब 20 किलोमीटर तक पुलिस से भागता रहा, लेकिन अंततः खंभे से गाड़ी टकराने पर पकड़ा गया।


20 किलोमीटर पीछा कर दबोचा गया तस्कर

आईजी विकास कुमार ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी गोकलाराम पुत्र मोराराम निवासी सरली, थाना सदर, बाड़मेर है। पुलिस को सूचना मिली थी कि गोकलाराम जोधपुर की ओर से डोडा-पोस्त की बड़ी खेप लेकर आ रहा है।
रात करीब 12 बजे NATF की टीम ने उसका पीछा शुरू किया। आरोपी लगातार गाड़ी की नंबर प्लेट बदलता जा रहा था ताकि पुलिस को भ्रमित कर सके। वह हर 50–60 किलोमीटर पर अलग-अलग राज्य की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाता था।

लंबे पीछा करने के बाद जब गाड़ी एक बिजली के खंभे से टकराई, तब पुलिस ने उसे दबोच लिया। स्कॉर्पियो की सभी सीटें निकालकर उसमें 27 कट्टों में भरा हुआ 544 किलो डोडा-पोस्त रखा गया था। पुलिस ने मौके पर ही गाड़ी और मादक पदार्थ को जब्त कर लिया।


गर्लफ्रेंड के खर्च पूरे करने के लिए शुरू की तस्करी

पुलिस पूछताछ में गोकलाराम ने खुलासा किया कि वह छठी कक्षा तक पढ़ा है और बचपन से ही महंगी गाड़ियों और शौक भरी जिंदगी का दीवाना था। कुछ साल बाद उसकी एक गर्लफ्रेंड बनी, जिसके खर्च पूरे करने के लिए उसने गलत रास्ता चुन लिया।

गोकलाराम ने बताया कि 2011 से 2015 तक वह हरियाणा से अवैध शराब भरकर गुजरात में सप्लाई करता था। लेकिन शौक और दिखावे के कारण उस पर भारी कर्ज चढ़ गया। कर्ज चुकाने के लिए उसने 2016 में डोडा-पोस्त की तस्करी शुरू कर दी।
2018 में वह बाड़मेर पुलिस के हत्थे चढ़ा, जब उसके पास से बड़ी मात्रा में डोडा-पोस्त बरामद हुई थी।


15 महीने जेल में रहा, फिर दोबारा तस्करी में लौटा

गोकलाराम ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले 15 वर्षों से नशे की अवैध सप्लाई में सक्रिय रहा है और इस दौरान कई बार जेल जा चुका है।
2023 में निम्बाहेड़ा में भी वह वांटेड घोषित हुआ था। 2024 में उसकी गिरफ्तारी के बाद 10 अक्टूबर 2025 को वह जमानत पर बाहर आया।
जमानत के बाद भी उसने तस्करी नहीं छोड़ी। उसने बताया कि जमानत के दौरान कर्ज बढ़ गया और गर्लफ्रेंड के खर्चे पूरे करने के लिए फिर से मादक पदार्थों की सप्लाई शुरू कर दी।


तीसरी सप्लाई में पकड़ा गया आरोपी

आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी ने जमानत पर आने के बाद महीने में तीन बार डोडा-पोस्त की सप्लाई करने का टारगेट बनाया था।
पहली दो सप्लाई सफलतापूर्वक करने के बाद तीसरी सप्लाई के दौरान पुलिस ने उसे धर दबोचा। गोकलाराम की स्कॉर्पियो में मिले हथियारों और नंबर प्लेटों से स्पष्ट है कि वह संगठित अपराधी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।


महाराष्ट्र से केरल तक फैला नेटवर्क

पुलिस को स्कॉर्पियो में से महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और केरल राज्यों की छह अलग-अलग हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटें मिलीं।
साथ ही आरोपी के पास से 35 जिंदा कारतूस और एक खाली मैगजीन बरामद हुई। उसने बताया कि हथियार पुलिस से बचने और फायरिंग के लिए रखे गए थे।


NATF का सख्त अभियान जारी

आईजी विकास कुमार ने बताया कि राज्य में नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम किया जा रहा है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स लगातार बड़ी तस्करी नेटवर्क को तोड़ने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में शामिल हर व्यक्ति की संपत्ति की जांच की जाएगी और गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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