पाली में सड़क पर बड़ा गड्ढा, हादसे की आशंका बढ़ी
स्थानीय लोगों ने कांटे लगाकर किया चेतावनी का इंतजाम, बोले- महापड़ाव के दौरान भारी वाहनों के कारण टूटी सड़क
पाली शहर के शेखों की ढाणी क्षेत्र में सड़क पर बने गहरे गड्ढे ने स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। यह गड्ढा शहर के मंडिया रोड से शेखों की ढाणी की तरफ जाने वाले रास्ते पर नदी की रपट के पास बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि भारी वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण यह सड़क टूट गई और बीच में बड़ा गड्ढा बन गया है। दुर्घटना की संभावना को देखते हुए मोहल्लेवासियों ने अपनी ओर से सावधानी बरतते हुए गड्ढे के चारों ओर कांटे रख दिए हैं, ताकि कोई व्यक्ति या वाहन उसमें गिर न जाए।
महापड़ाव के दौरान बढ़ा ट्रैफिक, सड़क टूटी
मोहल्ले के निवासी सलीम गौरी ने बताया कि हाल ही में बालराई क्षेत्र में डीनोटिफाइड ट्राइब (DNT) समुदाय का महापड़ाव आयोजित हुआ था। इस दौरान बड़ी संख्या में भारी वाहन इसी रास्ते से गुजरे। भारी वाहनों के दबाव के कारण सड़क की मिट्टी और पत्थर धंस गए, जिससे रपट पर यह बड़ा गड्ढा बन गया।
उन्होंने कहा कि महापड़ाव के बाद से इस मार्ग पर कई बार दोपहिया और चौपहिया वाहन फिसलते हुए देखे गए हैं। खासकर रात के समय यह गड्ढा किसी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
स्थानीय लोगों ने उठाया सुरक्षा का जिम्मा
स्थानीय निवासी शरीफ खिलजी ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर पर सड़क के गड्ढे के चारों ओर कांटे रखे हैं, ताकि आने-जाने वाले लोगों को चेतावनी मिले और कोई वाहन चालक अनजाने में गड्ढे में न गिर जाए।
उन्होंने बताया कि गड्ढे के कारण आए दिन धूल उड़ती है और पानी भरने पर सड़क पर फिसलन हो जाती है। यह स्थिति खासकर बरसात या रात के अंधेरे में बेहद खतरनाक हो जाती है।
नगर निगम से की शिकायत
मोहल्लेवासियों ने बताया कि इस समस्या को लेकर उन्होंने पाली नगर निगम में शिकायत दर्ज कराई है और जल्द ही सड़क की मरम्मत की मांग की है।
शरीफ खिलजी ने कहा, “हमने निगम अधिकारियों को सूचित कर दिया है। उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस सड़क को ठीक किया जाएगा। वरना किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है।”
नागरिक बोले – “सड़क की मरम्मत में देरी नहीं होनी चाहिए”
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि शहर में कई जगहों पर सड़कों की हालत खराब है। निगम को नियमित निरीक्षण कर तुरंत मरम्मत कार्य करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक सड़क की मरम्मत नहीं होती, तब तक चेतावनी के बोर्ड या बैरिकेड लगाए जाएं ताकि राहगीरों की सुरक्षा बनी रहे।