सरपंच–उपसरपंच व वार्ड पंचों के पद बढ़े; अब पंचायत मुख्यालय घर के और करीब

राजस्थान में बड़ी संख्या में नई ग्राम पंचायतें बनीं



सरपंच–उपसरपंच व वार्ड पंचों के पद बढ़े; अब पंचायत मुख्यालय घर के और करीब

जयपुर। राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को राज्यभर के 41 जिलों में पंचायतों के पुनर्गठन और नई ग्राम पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। इस फैसले के बाद प्रदेश में पंचायतीराज व्यवस्था का पूरा नक्शा बदल गया है। अधिकांश पंचायतों की सीमाओं में बड़े पैमाने पर बदलाव हुआ है, जिसका प्रभाव स्थानीय राजनीति और ग्रामीण प्रशासन दोनों पर पड़ेगा।
नई पंचायतों के गठन के साथ ही प्रदेश में अब सरपंच, उपसरपंच और वार्ड पंचों के हजारों नए पद बढ़ जाएंगे। आगामी पंचायत चुनाव नए ढांचे और नई सीमाओं के आधार पर ही कराए जाएंगे।


रेगिस्तानी जिलों में सबसे ज्यादा नई पंचायतें — मापदंडों में छूट का असर

सरकार ने मरुस्थलीय और दुर्गम इलाकों में पंचायत गठन के मापदंडों में छूट दी, जिसके चलते बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, फलोदी जैसे जिलों में बड़ी संख्या में नई पंचायतें बनी हैं।
मौजूदा सरकार ने करीब एक साल पहले पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की थी।
जिलों से प्रस्ताव मंगवाए गए,
विभागीय स्तर पर परीक्षण किया गया,
और फिर अंतिम प्रस्ताव सरकार को भेजे गए।
राजनीतिक दृष्टि से भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पंचायत संरचना में बदलाव आगामी चुनावों की रणनीति को सीधे प्रभावित करेगा।

अब पंचायत मुख्यालय जाने में नहीं करनी होगी लंबी यात्रा

नई पंचायतों के गठन का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण जनता को मिलेगा।
पहले एक पंचायत में 3 से 4 गांव शामिल होने की वजह से पंचायत मुख्यालय कई किलोमीटर दूर पड़ जाता था।
इसके चलते—
राशन कार्ड,
सरकारी प्रमाणपत्र,
मनरेगा से जुड़े कार्य,
सरपंच/ग्राम सचिव से मिलने
जैसे कामों के लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी।
अब पंचायत क्षेत्रों का आकार छोटा होने से आम लोगों को काफी राहत मिलेगी।
दूरी कम होगी और पंचायत स्तर पर सेवाएं अधिक सुगमता से उपलब्ध होंगी।


रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे

नई पंचायतों के गठन से प्रदेश में नए पदों की बड़ी संख्या सृजित होगी।
ग्राम सचिव
पंचायत सहायक
पटवारी (कुछ मामलों में)
लिपिक व अन्य सहायक स्टाफ
जितनी नई पंचायतें बनी हैं, उतने ही नए पद बनाए जाएंगे। इससे शिक्षित बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
आगामी भर्ती प्रक्रियाओं में भी अब नई पंचायत संरचना के अनुसार पदों की संख्या बढ़ाई जाएगी

स्थानीय राजनीति में बड़ा बदलाव

पंचायत पुनर्गठन का असर राजनैतिक समीकरणों पर भी देखा जाएगा।
नई पंचायतों की सीमाएं बदलने से कई पुराने मतदान पैटर्न टूटेंगे, और नए राजनीतिक चेहरे उभर सकते हैं। चुनावी रणनीतियों में भी व्यापक बदलाव आएगा।

ग्रामीण विकास में तेजी की उम्मीद

नई पंचायतें बनने से—
विकास कार्यों की मॉनिटरिंग बेहतर होगी,
छोटी आबादी पर ध्यान देने में आसानी होगी,
योजनाओं का लाभ तेजी से आम जनता तक पहुंचेगा।
सरकार का मानना है कि छोटे प्रशासनिक क्षेत्रों से पारदर्शिता और कार्यक्षमता दोनों बढ़ेंगी।
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