फॉर्च्यूनर चलाते समय आया हार्ट अटैक, बोराबास के निवर्तमान सरपंच अर्जुन गुंजल की मौत
डिवाइडर से कूदी फॉर्च्यूनर, लोगों ने समझा नशे में हैं चालक — कांच तोड़कर बाहर निकाला, अस्पताल पहुंचाया पर नहीं बची जान
कोटा।
शहर के बीच मंगलवार दोपहर एक हृदयविदारक हादसा हुआ जिसने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। एरोड्रम से सीएडी सर्किल के बीच चलती फॉर्च्यूनर कार में बैठे बोराबास पंचायत के निवर्तमान सरपंच और प्रशासक अर्जुन गुंजल (55) को अचानक हार्ट अटैक आ गया। वे स्वयं गाड़ी चला रहे थे। हार्ट अटैक आने के बाद उनका नियंत्रण गाड़ी पर से हट गया और फॉर्च्यूनर डिवाइडर से टकराकर उछल गई।
घटना को देख आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। किसी ने सोचा कि चालक नशे में है, तो किसी ने हादसे की वीडियो बनानी शुरू कर दी। इस बीच कुछ संवेदनशील राहगीरों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर गाड़ी का कांच तोड़ा और अर्जुन गुंजल को बाहर निकाला। उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
कुछ घंटे पहले हुई थी तबीयत खराब
अर्जुन गुंजल के रिश्तेदार भरत गुर्जर ने बताया कि अर्जुनजी पूरी तरह स्वस्थ थे और किसी काम से कोटा आए थे। घटना से कुछ घंटे पहले उन्हें उल्टी हुई थी, तब उन्होंने इसे मामूली गैस की समस्या मानकर आराम करने के बजाय बाहर निकल गए। उसी दौरान यह हादसा हुआ।
“आए तब तक मौत हो चुकी थी” — डॉक्टर
डॉ. पलकेश अग्रवाल ने बताया कि जब मरीज हमारे पास पहुंचे तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। हमारी टीम ने करीब दस मिनट तक सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
राहगीरों ने दिखाया साहस
राहगीर रविंद्र सिंह, जो दादाबाड़ी में नशामुक्ति केंद्र चलाते हैं, ने बताया —
“मैं एरोड्रम की तरफ जा रहा था। देखा कि फॉर्च्यूनर डिवाइडर पर चढ़ी खड़ी है और भीड़ लगी है। लोग कह रहे थे कि ड्राइवर ने शराब पी रखी है। मैंने पीछे ‘गुंजल’ लिखा देखा तो तुरंत अपने दोस्त रूपचंद गुंजल को फोन किया। पुष्टि होने पर मैंने शीशा तोड़कर अर्जुनजी को बाहर निकाला। हम छाती दबाकर सांस देने की कोशिश करने लगे। गाड़ी न्यूट्रल थी और अर्जुनजी का हाथ सीने पर था।”
अस्पताल पहुंचते ही थम गई सांसें
एक अन्य राहगीर चीरज शर्मा, जिन्होंने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, ने बताया —
“हम अर्जुनजी को गाड़ी से लेकर अस्पताल के लिए निकले। वे मेरी गोद में लेटे हुए थे। जवाहर नगर पेट्रोल पंप के पास उनकी सांसें थम गईं। संभवतः उसी वक्त उनकी मौत हो गई थी।”
घटना के बाद पूरे कोटा शहर में शोक की लहर दौड़ गई। अर्जुन गुंजल स्थानीय स्तर पर एक सक्रिय जनप्रतिनिधि और समाजसेवी के रूप में जाने जाते थे।
लोगों ने उनके अचानक निधन को कोटा की राजनीति और समाज सेवा जगत के लिए बड़ी क्षति बताया।