मेह बरस्यां पछै मायड़ धरती रा रूप ही निराळा व्है जी
______________ आली बाळू रेत देखनै टाबर थरपै गोगा / मुंडै मुळकै हेत धरा रो हेठां नागा-पोगा / ____…
______________ आली बाळू रेत देखनै टाबर थरपै गोगा / मुंडै मुळकै हेत धरा रो हेठां नागा-पोगा / ____…
जब मिली एक बार जिन्दगी मेरी , वो जिन्दगी ही बन गयी बंदगी मेरी ये इतनी हसीन होगी ,पता …
कभी कभी जब खुद पर ही झुँझलाहट आ जाती हैं और गगन में कोई काली बदली सी छा जाती हैं तब निज मन …
ठिठुरन में स्कूल जाते वे बच्चें जिनके पांव नंगे है माथे पे गरीबी है पीठ पर लादा बस्ता जो…
Our website uses cookies to improve your experience. Learn more
ठीक