कोरोना से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ आयुर्वेदिक नस्य कर्म जरूर करें।- डॉ.हुकमाराम प्रजापत

एक आईना भारत
संवाददाता खेराज नेैण
नागौर ग्रामीण



कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से  अपने आपको अपने परिवार को और अपने देश को बचाने के लिए आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. हुकमाराम प्रजापत ने बताया कि हर नागरिक को सोशियल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक आयुर्वेदिक काढ़ा एवं औषधियों का सेवन जरूर करना चाहिए। हमारी स्ट्रांग इम्यूनिटी ही कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए  प्रभावी है क्योंकि जिस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उस पर वायरस जनित बीमारियों का संक्रमण बहुत तेजी से होता है। इसलिए हर नागरिक को रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक उपाय जैसे तुलसी,लौंग,काली मिर्च, दालचीनी,अदरक को चाय या दूध या पानी में उबालकर दिन में चार से पांच बार गुनगुना पीवे एवम्  गुनगुने नमक के पानी से गरारे करें।  कोरोना वायरस का संक्रमण ड्रॉपलेट से मुख्य रूप से नाक या मुंह के रास्ते से होता है  इसलिए हर व्यक्ति को मास्क पहनने की सलाह दी जा रही हैं लेकिन इसके साथ ही आयुर्वेदिक नस्य कर्म विधि में तिल तेल या सरसों तेल या षडबिंदु तेल या अणु तेल से अपनाई जाए जो हमें दौरी सुरक्षा देती है। ऐसे में यह तेल एक बायोलॉजिकल बैरियर यानी नाक और मुंह की श्लेस्मा झीली  की सतह के ऊपर एक आंतरिक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है  इसलिए सुबह उठकर दो-दो बूंद तेल की नाक में जरूर डालें।  विटामिन सी से युक्त फलों जैसे आंवला संतरा मौसमी नारंगी अनार जामुन  इत्यादि का नियमित रूप से सेवन करें। बार-बार गुनगुने पानी का सेवन करें। दूध में हल्दी मिलाकर पीवे। इम्यूनिटी वर्धक आयुर्वेदिक च्यवनप्राश का सुबह-शाम एक एक चम्मच सेवन जरूर करें। बार-बार अपने हाथों को अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर,  साबुन या गुनगुने पानी से धोवे ऐसा करने पर काफी हद तक हम इसके संक्रमण से बच सकते हैं।
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