विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में योग दिवस की पूर्व संध्या पर मनाया अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस

विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में योग दिवस की पूर्व संध्या पर मनाया अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस 
योग अपनाये और अपने जीवन में खुशियाँ लाएं-महामण्डलेश्वर
असाध्य रोगों से मुक्त होने के लिए अपने जीवन में योग को अपनायें 
 201 लोगों ने किया योग, जिसमें बाहर के यात्रीगण भी शामिल है
एक आइना भारत 
संवाददाता प्रकाश इन्दलिया 
नागौर। विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में पीड़ाग्रस्त गोवंश के बीच महामण्डलेश्वर कुशालगिरी महाराज के सानिध्य में  प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी ममता (देवीजी)  की उपस्थिति में योग दिवस की पूर्व संध्या पर सभी स्टाफ को योग करवाकर मनाया।    
               विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय के व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि योग का भारतीय संस्कृति में एक प्रमुख स्थान है, योग मात्र कोई शारीरिक गतिविधि नही है। यह एक ऐसी शक्ति है जो कई असाध्य रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखते है। योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। मनुष्य और प्रकृति के बीच सामजंस्य है। विचार संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। मनुष्य रोजाना की भाग-दौड़ में अपने शरीर के लिए समय नही निकाल पाता हैं और इसी कारण असाध्य रोगों से ग्रस्त हो जाता हैं इसलिए इन असाध्य रोगों से मुक्त होने के लिए हमारे जीवन में योग, प्राणायाम आदि का होना जरूरी है। योग से हमारे जीवन में खुशियां आती हैं तथा दीर्घ आयु प्राप्त होती है। 
इस कार्यक्रम के दौरान संत गोविन्दराम महाराज,खुमाराम सिंवऱ,महेन्द्र सिंह सिसोदिया, कंचन पंचारिया,  श्रवण सेन,नरपत बेनिवाल, सीताराम पारीक, राजुराम काला, हरिश सारण, दिनेश रावल, आसाराम सियोल लीलाधर लखारा,  दीपेन्द्रसिंह राठौड़,डुंगरराम राड़,अशोक ढाका, सहेदव रोज इत्यादि मौजूद थे।
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