दिवाळी रो राम म सा, पण कोरोणा को ध्यान राखजै।।रा
पांच दिन रे दिवाळी त्यौहार मनाबा रो टैम आता ही लोग ईकी तियारी रे खातिर जुटबा लाग रिया है अपणा खेता री बुआई जुताई रे काम सागै ज्वार बाजरा री फसला नै समेट र दिवाळी रा दीया अर टाबरा री नई पोशाक के सागै मां लिछमी री पूजापा रो सामान सट्ट़ो भी बसा लिन्हो। पांच दिन रा दीया रा त्यौहार री शुरुआत आज धनतेरस सूं होणे रे बाद किसान भाई बजारां मांय जा र आपणा बैल र ताईं छम छम बाजबा वाळा घूघरा अर लाल पीळी डोरी ल्यावला तो घरां री खुशहाळी रे वासतै नया सामान बसावैला। चोखी खेती करबां ताईं अब नया हळ अर नया टैक्टर ल्यावला। आपकी घरा री लिछमी रे खातिर भी नया नया गहणा अर मोतियां री माळा बसावला। आपरा आंगणा र मांय नया नया मांडणा मांड र माटी रा दीया तैल अर घी सूं धनतेरस की संध्या बैला सूं पांच दिन तांइ जौवैला।
छोटी दिवाळी अर रुप चौदस कै सागै आरोग्य रा देवता भगवान धनवंतरि री पूजा करसी। गोधूलि आतां ही मिनखड़ा एक दूसरा सूं मिल राम राम अर खम्मा घणी करसी, ओ दौर भाई दोज रे दिन तांइ चालसी। दीपावळी रे शुभ दिन सुवारें से ही लिछमी री पूजा करबा रे खातिर चोखा चोखा दो गन्ना रा सांटा, रंग बिरंगा फूला री माला, अर परसाद मिठाई ल्यावला। सब लोग शाम होतां ही अपणै घरां घी का दीया जला र धन री देवी मांई लिछमी री पूजा, आरती बड़ा चाव सूं कर बराबर रा साथियां न दिवाळी रो राम राम, बड़ा बुजुर्गां अर बूढ़ा ठेरा न पगा मैं ढोक दे र वांको आशीर्बाद लेवला। पण इ बार जाणे कसी बिमारी कोरोणा को ध्यान राखणो पड़सी। अर एक दूसरा सूं दो गज दूरी बणा र राखसी जिसूं इ महामारी सूं बच्या रैवा।
गोरधन री पूजा हर बार की नांइ गोबर रो भगवान गोरधन छाप र अन्नकूट बाजरा रो परसाद आप आप कै घर मैं ही लगास्यां।
भाईदोज प बहणा आपकै भाई रे माथा प टीको लगा र ही खुद कलेवो करेली। अर भाई भी बहणा की रक्षा करण रो बचन लेसी।
दिया रा त्योहार दिवाळी रो राम राम सा पण कोरोणा को ध्यान राखजै।।
आर.एन. गौतम
स्वतंत्र लेखक
दयापुरा, चाकसू जयपुर
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