हाल ही में हमनें मनाया 72वां गणतंत्र दिवस पर आज भी आजादी के सात दशक बाद ये गांव एक सडक के लिए तरस रहा है

इंतहा हो गई इंतजार की, आजादी के 7 दशक बाद भी सडक़ से वंचित







एक आईना भारत /अशोक राजपुरोहित 

 
खरोकडा /सरकार भले ही प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ जैसी योजनाएं चला कर प्रत्येक गांव को सडक़ मार्ग से जोडऩे का दावा करती है, लेकिन हकीकत में सरकार के ये दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं। इसकी बानगी पाली जिले के रानी पंचायत समिति के गांव खटुकाडा से नादाना भाटान पंचायत का मुख्य मार्ग जो आज भी जर्जर हालत में देखने को मिल रहा है।जहां आजादी के 7 दशक बाद भी आज तक सडक़ नहीं पहुंची है। सडक़ मार्ग का इंतजार करते करते ग्रामीणों की आंखें पथरा गई है, लेकिन अभी तक सडक़ मार्ग की उनकी मांग पूरी नही हुई है। सडक़ मार्ग नहीं होने से ग्रामीणों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गांव से ये पंचायत जाने के लिए मुख्य मार्ग हैं जिससे हर रोज ग्रामीणों को पंचायत जाना पड़ता है बदहाल सड़क होने से ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बरसात के दिनों में तो यह समस्या और विकराल रूप ले लेती है। कई बार सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधियों को पत्रकार अशोक राजपुरोहित व ग्रामीणों ने इसके बारे में अवगत कराया पर हरबार की तरह आश्वासन दिया गया, आज दिन तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कई बार सडक़ मार्ग नहीं होने की शिकायत विधायक से लेकर मंत्री और आला अधिकारियों तक पहुंचाई गई। लेकिन समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है।जबकि इस मार्ग पर रोजाना दर्जनों वाहन पंचर होते हैं हमें आजाद हुए 75 वर्ष हो गए, हमारा भारत देश तमाम मायनो में तरक्की कर रहा है लेकिन खटुकडा से नादाना भाटान के ग्रामीण आज भी बदहाली को लेकर आंसू बहा रहे है आजादी के सात दशक बाद भी यहां के लोग एक सड़क के लिए तरस रहे हैं।
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