एक आईना भारत
जिनसे की मौहब्त वो खफा हो गए :- गंगवाल
काव्य गोष्ठी में बही गजलों की बैयार ,
सरस्वती काव्य एवं कला संस्थान नावां के बैनर तले हुआ आयोजन।
कुचामन सिटी/
कुचामन सिटी।नावां सरस्वती काव्य-कला मंच के तत्वाधान में एक काव्य-गोष्ठी रामेश्वर धाम मन्दिर परिसर में अपराह्न 2 बजे आयोजित की गई। सर्वप्रथम मां सरस्वती का पूजन किया गया। कुचामन से पधारे कविगण गिरधारी सिंह राजावत, सुरेश वर्मा व दिलीपसिंह शेखावत का मंच की ओर से माल्यार्पण करते हुए यादगार स्वरूप साहित्यिक पुस्तिका भेंट की गई । मारोठ से पधारे कवि श्रवण गुर्जर ने मां शारदे की आराधना करते हुए सरस्वती वंदना व बेटी बचाओ पर "कैसा ये कोहराम है" की प्रस्तुत दी। कवि मनोज गंगवाल ने "मुश्किल से सम्भले हैं, ठोकर खाने के बाद" व " जिनसे की मौहब्त वो खफा हो गए , दुश्मन तो दुश्मन दोस्त बेवफा हो गए" गजल पेश कर वाहवाही लूटी तालियां बटोरी । कुचामन से पधारे गीतकार दिलीपसिंह शेखावत ने "मनिहारा जी एकदिन म्हारे घरां आवणा" गीत की प्रस्तुति देकर पुराने जमाने की यादें ताजा कर दी। युवा कवि महावीर शर्मा ने "जिंदगी में अगर संग हो तो राही दो कदम और चलता है" ओजस्वी कविता पेश की। राष्ट्रपति से पुरूस्कृत अध्यापक सीताराम प्रजापत ने राजस्थानी कविता "आज का जमाना में" कविता की प्रस्तुति देकर वर्तमान हालात का चित्रण किया। कुचामन से पधारे कवि सुरेश वर्मा ने "कविता बनाती है आदमी को देवता" पेश की। पत्रकार व एडवोकेट राधावल्लभ मिश्र ने "किंवाड़,,,एक पल्ला पुरुष, एक पल्ला नारी है" सामाजिक सरोकार की कविता पेश कर सभी प्रसंशा पाई। मंच के अध्यक्ष तुलसीराम 'राजस्थानी' ने "फागण आयो रे,,,परण्योड़ा थारी ओळयूँ आवे रे" की तरन्नुम में गाकर माहौल को होळीमय बना दिया"। "बालपणा तूं एकर पाछौ आज्या रे" गीत की प्रस्तुति देकर कुचामन से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार गिरधारीसिंह राजावत ने बचपन की पुरानी यादें ताजा करते हुए खूब तालियां बटोरी। काव्य-गोष्ठी का संचालन कर रहे अशोक पारीक अटल ने वर्तमान राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए "स्याणा वोट माँगबा आवे रे" राजस्थानी कविता की प्रस्तुति देकर गोष्ठी में चार चांद लगा दिए। अंत में अध्यक्ष तुलसीराम राजस्थानी ने आभार प्रकट करते हुए भविष्य में नियत समय पर गोष्ठी में उपस्थित होने का आग्रह किया। काव्य गोष्ठी में समाजसेवी सत्यनारायण लढ्ढा , मदनलाल पीपलोदा, लुकमान शाह, अल्पना अग्रवाल, सुरेश शर्मा, भरत जोशी, बाबूलाल बरवड़, मोतीराम मारवाल, आदि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
Tags
Kuchaman