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पाली
मानसिक बीमारी एवं आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टिंग में भारतीय प्रेस परिषद की गाइडलाइन
अप्रैल पाली सिटी,प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टिंग और मानसिक रोग की रिपोर्टिंग एवं समाचार प्रकाशन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ दलजीत सिंह राणावत ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 की धारा 24(1) के तहत मानसिक रोग से संबंधित समाचारों आत्महत्या की खबरों के प्रकाशन और रिपोर्टिंग के लिए अब प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय मापदंड अपनाने होंगे। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा तय मापदंडों के अनुसार समाचार पत्र या समाचार एजेंसी और मानसिक स्वास्थ्य संस्थान अस्पताल में उपचार करा रहे किसी व्यक्ति के संबंध में तस्वीर या किसी अन्य जानकारी को प्रकाशित नहीं कर सकेंगे। इसके साथ-साथ परिषद में प्रिंट मीडिया को यह भी निर्देशित किया है कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 की धारा 30(ं) के अनुसार समय - समय पर इस संबंध में व्यापक प्रचार करेगा। परिषद ने आत्महत्या को रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को आधार मानते हुए आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टिंग ओर रिपोर्टों की प्रस्तुति के लिए दिशानिरदेशों को अपनाकर मापदंड तय किए गए। समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों को समाचार प्रकाशित करते वक्त कुछ बातों का ध्यान देना होगा। मीडिया को आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टिंग करते वक्त विशेष ध्यान देते हुए कुछ बातों का समावेश समाचार या रिपोर्ट में नहीं करनी होगी जैसे कुछ ऐसी कहानियां जो आत्महत्या से जुड़ी हो उन्हें प्रमुखता में ना रखें और उन कहानियों को ना दोहराए, आत्महत्या के प्रमुख स्थानों और कहानियों के दोहराव से बचे। ऐसी भाषा का उपयोग ना करें जो आत्महत्या को सनसनीखेज बनाती है,या फिर इसे समस्याओं के समाधान के रूप में प्रस्तुत करती है। आत्महत्या के लिए उपयोग की गई विधि या आत्महत्या के प्रयास में प्रयुक्त विधि का विवरण समाचार में ना करें। आत्महत्या के सुसाइड पॉइंट का विवरण ना दें। आत्महत्या के मामलों की खबरों में सनसनीखेज सुर्खियों का उपयोग ना करें। आत्महत्या के मामले की रिपोर्ट समाचार प्रकाशन के दौरान फोटोग्राफ वीडियो फुटेज या सोशल मीडिया लिंक का उपयोग ना करें।
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