*आहोर निवासी टीकम सिंह राजपुरोहितके हत्यारे आखिर कहां गए जमीन खा गई या आसमान निगल गया पुलिस जांच पर उठ रहे सवाल
एक आईना भारत/
आखिर कब होगी टीकम सिंह राजपुरोहित के हत्यारों की गिरफ्तारी ?
आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित भी इस मामले को तीन बार विधानसभा में उठा चुके हैं फिर भी आहोर पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंच पाई बड़े दुर्भाग्य का विषय ?
सन 2015 और बहूचर्चित राणाराम चौधरी हत्याकांड की तरह क्या यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा या फिर मामला खुलेगा ?
अखिल भारतीय राजपुरोहित समाज संघर्ष समिति कभी भी कर सकते हैं पुलिस थाने का घेराव
आहोर कस्बे के खेतेश्वर कॉलोनी निवासी टीकमचंद राजपुरोहित की मौत 6 महीने बाद भी रहस्य बनी हुई है। पुलिस इस मामले में अब तक यह पता नहीं लगा पाई है कि बुजुर्ग आहोर से करीब 10 किमी दूर भागली पुरोहितान तक कैसे पहुंचा एवं उसकी हत्या किसने की, पूरा मामला एक तरह से रहस्य बनकर रह गया है।
इधर, मामले को लेकर मृतक के परिजन न्याय को लेकर पुलिस थाने से लेकर कई बार उच्च अधिकारियों के पास चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन पीड़िताें को न्याय नहीं मिला है। जानकारी के अनुसार आहोर कस्बे के खेतेश्वर कॉलोनी निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग टीकमचंद उर्फ तिकमचंद (70) पुत्र सादलिंगजी राजपुरोहित का भागली पुरोहितान सरहद के सुरेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले मार्ग पर स्थित तालाब के किनारे शव मिला था। बुजुर्ग के सिर में धारदार हथियार से वार कर हत्या की गई थी।
6 माह से मामला रहस्य बना, परिजन परेशान
10 दिसंबर रात को गायब होने के बाद 11 की सुबह शव मिला। पुत्र गोपालसिंह ने आहोर थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज करवाई। एक माह बीत जाने के बाद टीकमचंद की हत्या रहस्य बनी हुई है। मृतक के परिजन पुलिस थाने एवं उच्च अधिकारियों के पास न्याय के लिए कई चक्कर लगाने के बाद भी कोई न्याय नहीं मिला है। टीकमचंद का हत्यारा नहीं मिलने से परिजनों को भी डर सता रहा।
4 सवालों के जवाब किसी के पास नहीं
1. हत्या क्यों हुई बुजुर्ग टीकमचंद राजपुरोहित के परिजनों के अनुसार किसी भी व्यक्ति से कोई रंजिश नहीं थी, लेकिन उसके बाद 10 दिसंबर की रात को धारदार हथियार से हमला कर बुजुर्ग की हत्या कर दी। पुलिस की जांच में भी अभी तक कोई खुलासा नहीं हो सका है कि हत्या किन कारणों से हुई।
2. भागली तक कैसे पहुंचा बुजुर्ग बुजुर्ग का शव आहोर कस्बे में स्थित खुद के मकान से करीब 10 किमी दूर स्थित भागली पुरोहितान गांव में मिला। 70 वर्ष की उम्र में बुजुर्ग खुद चलकर वहां तक नहीं पहुंच पाता। बुजुर्ग की हत्या के बाद शव भागली पुरोहितान में फेंका गया या फिर हत्यारों ने वहां ले जाकर हत्या की। इस सवाल का भी पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।
3. आखिरी फोन पर किससे की बातचीत मृतक के पुत्र ने रिपोर्ट में बताया कि रात 8 बजे तक बुजुर्ग अपने घर पर ही था। 8 बजे के बाद उसके पास फोन आया। जिस पर घर से बाहर निकले थे, लेकिन उसके बाद वापस नहीं आए एवं सुबह हत्या की जानकारी मिली। जबकि पुलिस का कहना हैं कि अंतिम फोन उनके कोई अन्य कार्य से मिलने वालों का था, जिनसे पूछताछ कर ली।
4. दुश्मनी या रंजिश भी नहीं मृतक के परिजनाें के अनुसार टीकमचंद की किसी से दुश्मनी या रंजिश भी नहीं थी। इसके बावजूद किसी ने हत्या कर दी। किसी ने बिना रंजिश टीकमचंद काे क्याें मारा, यह भी बड़ा सवाल है।
मृतक के पुत्र गोपाल सिंह को भी मिल रही है धमकियां
मृतक के पुत्र गोपाल सिंह ने बताया कि हमारे समस्त फोन पुलिस ने जप्त कर लिए हैं लेकिन एक छोटा सा फोन मेरे पास में है जिस पर कई बार अनजान नंबर से फोन करके मुझे जान से मारने की धमकियां दी जा रही है मैंने यह नंबर पुलिस को दिए हैं उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है
इनका कहना
मेरे पिताजी की हत्या हो गई उसके बाद हम 6 महीने से परेशान हैं लेकिन 6 महीने बाद भी हत्यारों का पता नहीं लगा है मेरी परिवार और मेरी जान को भी अपराधियों से खतरा है
गोपाल सिंह राजपुरोहित
मृतक का पुत्र
मैं इस बारे में जालौर पुलिस अधीक्षक से बात करूंगा पीड़ित को एसपी के पास भेज देना
देवजी पटेल जालौर सिरोही सांसद
मामला मेरे ध्यान में है अभी भी इस मामले में जांच चल रही है प्रयास जारी है
अनुकृति उज्जैनिया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जालौर
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