मनोहर अपहरण केस की राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद भी सीबीआई जांच शुरू नहीं होने से राजपुरोहित समाज में रोष
सीबीआई जांच शुरू नहीं होने से समाज का केन्द्र सरकार के खिलाफ गुस्सा
बीजेपी नेताओं से जताई नाराज़गी
एक आईना भारत /
खरोकडा /राजस्थान के सबसे चर्चित मनोहर अपहरण मामले की जांच सीबीआई को पिछले चार महिने पहले राजस्थान की गहलोत सरकार ने केन्द्र को सीबीआई जांच के अनुशंसा दे दी फिर भी सीबीआई ने इसकी जांच शुरू नहीं की है इसको लेकर पुरे समाज में गुस्सा हैं राजपुरोहित संघर्ष समिति के संस्थापक रामसिंह राडबर ने कहा कि राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद भी केन्द्र सरकार जांच के लिए इतनी देरी क्यूँ कर रही है क्यों अब तक सीबीआई ने एफ आई आर तक दर्ज नहीं की? इसलिए समाज बीजेपी के नेताओं से काफी नाराज है चार माह पूर्व मार्च महिने में 5 हजार लोगों ने सुमेरपुर में राज्य सरकार के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन किया था उसके बाद गहलोत सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौपने के लिए केन्द्र सरकार को अनुशंसा की थी पर अब तक जांच शुरू नहीं होने से पीडित परिवार दुखी है। पुरे समाज में रोष है केन्द्र सरकार के खिलाफ गुस्सा हैं
हाईकोर्ट ने भी लगाई फटकार
पाली जिले के बहुचर्चित नेतरा गांव में मनोहर अपहरण केस की जांच सीबीआई से कराने की राज्य सरकार की सिफारिश के 4 माह बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई कारवाई नही करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराज़गी जताई है हाईकोर्ट जोधपुर के न्यायधीश विजय विश्नोई ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने को लेकर की गई अनुशंसा के चार माह बाद गुजर जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा कोई कारवाई नही किए जाने पर केन्द्र सरकार व सीबीआई डायरेक्टर को तलब किया। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में केन्द्र सरकार व सीबीआई डायरेक्टर को जवाब पेश कर अगली सुनवाई में उपस्थित होने के आदेश दिये है उच्च न्यायलय में अधिवक्ता गणपतसिंह राजपुरोहित के मार्फत याचिका लगाई थी।
क्या है मनोहर अपहरण मामला
पाली जिले के नेतरा गांव का रहना वाला मनोहर अपहरण 23 नवंबर 2016 को हुआ था। मनोहर सुबह 6 बजे फालना कोचिंग क्लासेस में पढने गया था। स्कूल से पढाई करके 11.30 बजे वापस निकला था कि उसका बीच रास्ते में ही अपहरण हो जाता है उसके बाद नजदीक के फालना थाने में एफ आई आर 152 दर्ज करवाई जाती हैं इस मामले को सर्वप्रथम उप अधीक्षक सुमेरपुर के नेतृत्व में जांच शुरु करते हैं अपहरणकर्ता 6 पत्र भी भेजते हैं अपहरणकर्ताओं ने 25 लाख की फिरौती की मांग भी करते हैं फिरौती को लेकर मौके पर पहुंचा भी जाता था। उसके बाद भी अपहरणकर्ता पुलिस और परिवार वालो को घूमराह करता रहता था आखिर में राजपुरोहित समाज व जनप्रतिनिधियों के दबाब के कारण जांच सीआईडी को सौंपी जाती है
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