मरूधर आईना
भगवान श्रीकृष्ण पालकी में विराजमान करके नगर भ्रमण करवाया
सुरेरा में भाद्रपद शुल्क पक्ष एकादशी जलझूलनी एकादशी में को लेकर ठाकुर जी का मंदिर से डीजे के साथ ही शोभायात्रा रवाना हुई। जो पालकी में विराजमान भगवान श्री कृष्ण प्रतिमा पालकी में विराजमान करके। जलझूलनी एकादशी भगवान श्री कृष्ण की माता यशोदा ने पूजा पूजन किया था। इसी परंपरा निभाते हुए आज भी सभी सच्चाई इस दिन जल पूजन करती है उसी परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष भाद्रपद एकादशी के जलझूलनी एकादशी उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ठाकुर जी के मंदिर से भगवान श्री कृष्ण जी को पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण करवाया गया। और शिपला वाले बालाजी मंदिर तालाब में जल विहार करवाया गया। वापस शोभायात्रा ठाकुर जी मंदिर पहुँची। इस शोभायात्रा में गाँव के भँवर सिंह शेखावत, कमलेश शर्मा,गोपालसिंह शेखावत, कुलदीप सिंह, भँवर लाल शर्मा, वीरेंद्र सिंह शर्मा,सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। ईधर बेनिया का बास में जलझूलनी एकादशी डोल ग्यारस पर शुक्रवार को बड़ी धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई । गांव के मंदिर ठाकुर जी के मंदिर ढोल सजाकर उनमें भगवान लड्डू गोपाल राधा कृष्णा जी की प्रतिमा विराजमान कर पूजा अर्चना की गई भक्तों ढोल कंधे पर उठाकर प्रिया तू रुक मंदिर की परिक्रमा कराएंगे भगवान श्री कृष्ण को पहली बार सूर्य के दर्शन करा कर पानी पिला कर दशोटन की रसम पर संपन्न कराई है प्रभु कपड़े धोने या पानी पिलाने की परंपरा चली । राधा कृष्ण के मंदिर में ढोल गांव में लड्डू गोपाल कार्यक्रम हुये।
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