कुर्सी पर बैठे तहसीलदार ने किसानों को जमीन पर बैठाया:बोले-चेंबर में कुर्सी पर बैठना है तो कुर्सी लेकर आओ
कुर्सी पर बैठे तहसीलदार ने किसानों को जमीन पर बैठाया:बोले-चेंबर में कुर्सी पर बैठना है तो कुर्सी लेकर आओ
सांचौर - सांचौर क्षेत्र के चितलवाना तहसीलदार का एक वीडियो आया है, जिसमें कुछ किसान तहसीलदार के चेंबर में जमीन पर बैठे नजर आ रहे हैं। वहीं इस दौरान किसी ने तहसीलदार से पूछा कि कुर्सी क्यों नहीं है तो तहसीलदार ने कहा कि चेंबर में कुर्सी पर बैठना है तो कुर्सी आप साथ में लेकर आओ। जानकारी के अनुसार बुधवार करीब 3 बजे कुछ किसान सरकारी काम के चलते चितलवाना तहसीलदार रायमल राम चौधरी के ऑफिस में गए थे। इस दौरान उन किसानों को तहसीलदार चौधरी ने चेंबर में जमीन पर नीचे बिठा दिया। जब तक उन किसानों का नंबर शिकायत बताने का आता, उससे पहले केबिन में मौजूद व्यक्ति ने कुर्सी पर बैठे तहसीलदार सामने जमीन पर बैठे किसानों का वीडियो बना लिया। वीडियो बनाने के दौरान तहसीलदार से सवाल पूछा कि किसान सामने जमीन पर किसान क्यों बैठे हैं। इस पर तहसीलदार ने बेतुका जवान देते हुए कहा कि कुर्सी पर बैठने के लिए कुर्सी साथ लेकर आए। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि एक प्रशासनिक अधिकारी किसानों के साथ इस प्रकार का व्यवहार कैसे कर सकता है। चितलवाना तहसीलदार रायमल चौधरी ने बताया कि बुधवार को एक बंटवारे के मामले को लेकर 20 से ज्यादा किसान आए हुए थे। बंटवारे के कागज में एक नक्शा मिस था तो वो नक्शा मंगवाया था। ऐसे में साथ वाला नक्शा लेने गया तो कुछ किसान नीचे बैठ गए थे। इसका वीडियो बनाकर वायरल किया है। यह बात सरासर गलत है, मैंने ऐसा नहीं कहा कि कुर्सी पर बैठना है तो कुर्सी साथ लेकर आओ।
पुश्तैनी जमीन का बंटवारा करवाने गए थे
डूंगरी निवासी किसान भंवर लाल सुथार ने बताया कि क्षेत्र के डूंगरी, टांपी में हमारी पुश्तैनी जमीन आई हुई है। वर्षों से हमारी जमीन का बंटवारा नहीं हुआ था। ऐसे में हम सभी मिलकर बंटवारे के कागज तैयार करवाए और बंटवारे को लेकर बुधवार को तहसीलदार के सामने पेश हुए थे। हमारे दस्तावेजों में एक नक्शा रह गया था। इस पर वकील नक्शा लेने के लिए चला गया और तहसीलदार कागज देख रहे थे। इस दौरान हम दस से ज्यादा लोग थे तो एक तरफ चेंबर में नीचे बैठ गए थे। तहसीलदार ने बैठने के लिए हमसे कुर्सी नहीं मंगवाई थी। ना ही हमारे साथ कोई बदसलूकी की। नीचे हम ज्यादा लोग होने की वजह से हमारी मर्जी से बैठे थे।
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