श्रावणमासीय कथा के साथ जालोर हुआ धर्ममय, अभयदास महाराज का हुआ भव्य नगर प्रवेश
12 जुलाई से 8 अगस्त तक भक्तसिंह स्टेडियम में चलेगा धार्मिक आयोजन, हजारों श्रद्धालु रहेंगे सहभागी
जालोर (उजीर सिलावट)। सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जालोर में श्रावण मास के पावन अवसर पर भव्य श्रावणमासीय कथा महोत्सव का शुभारंभ होने जा रहा है। शुक्रवार शाम को इस कथा महोत्सव के लिए प्रसिद्ध संत श्री अभयदास महाराज का नगर में दिव्य स्वागत हुआ। ढोल-नगाड़ों, पुष्पवर्षा और जयघोषों के साथ नगरवासियों ने संत का अभिनंदन किया।
फूलों की वर्षा से हुआ स्वागत
करीब शाम 6 बजे अभयदास महाराज का नगर प्रवेश हुआ। इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, शहर के गणमान्य नागरिक, विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं, महिला मंडल, युवाजन एवं भक्तगण बड़ी संख्या में मौजूद रहे। नगर के कॉलेज चौराहा से भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो बाईपास रोड, मीरादातार रोड, सूरजपोल, अस्पताल चौराहा होते हुए कार्यक्रम स्थल भक्तसिंह स्टेडियम तक पहुंची। पूरे मार्ग में पुष्पवर्षा और भक्ति संगीत से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
धार्मिक यात्रा से होगा शुभारंभ
शनिवार प्रातः भक्त प्रहलाद चौक से कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो नगर के प्रमुख बाजारों व मार्गों से होती हुई भैरूनाथ अखाड़ा में दर्शन कर दोपहर तक कथा स्थल पहुंचेगी।
कथा का विस्तृत कार्यक्रम
- 12 जुलाई – 18 जुलाई: श्रीमद्भागवत कथा
- 19 जुलाई – 23 जुलाई: नानी बाई का मायरा
- 24 जुलाई – 1 अगस्त: मीरा चरित्र कथा
- 2 अगस्त – 7 अगस्त: बाबा रामदेव लीला
- प्रत्येक दिन: दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक कथा वाचन
हर सोमवार: विशेष भगवान शिव अभिषेक एवं अनुष्ठान
समापन समारोह
8 अगस्त 2025 को कथा के अंतिम दिन विशाल आशीर्वाद एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें आयोजन समिति, कार्यकर्ता, सहयोगी भामाशाहों का सम्मान कर संत अभयदास महाराज का आशीर्वचन लिया जाएगा।
शहर में धार्मिक उत्साह का माहौल
श्रावण मास में होने वाली इस आध्यात्मिक कथा श्रृंखला को लेकर जालोर में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी, धर्म, संस्कृति और भक्ति का अद्भुत संगम बनेगा। नगरवासियों ने इस आयोजन को लेकर विशेष तैयारियां की हैं और पूरे आयोजन के दौरान सेवा कार्यों में भी योगदान देंगे।
📢 सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति ने सभी श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि वे इस पुण्य अवसर पर सपरिवार पधारें और धर्म लाभ प्राप्त करें।