बाड़मेर जिला अस्पताल में दिनदहाड़े लूट की वारदात बुजुर्ग महिला से सोने की कंठी छीनकर फरार हुआ नकाबपोश बदमाश



बाड़मेर जिला अस्पताल में दिनदहाड़े लूट की वारदात

बुजुर्ग महिला से सोने की कंठी छीनकर फरार हुआ नकाबपोश बदमाश


बाड़मेर। जिला मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल में शनिवार सुबह दिनदहाड़े हुई लूट की वारदात ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नकाबपोश बदमाश एक बुजुर्ग महिला के गले से सोने की कंठी छीनकर मौके से फरार हो गया। छीनाझपटी के दौरान महिला के गले पर चोट भी आई। जानकारी के अनुसार, वन विभाग मोहल्ला निवासी लेखराज की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें शुक्रवार शाम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी पत्नी रूखमादेवी (62) रातभर अस्पताल में उनके साथ रुकी हुई थीं। शनिवार सुबह करीब 9 बजे जब वह घर लौटने के लिए अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की गैलरी से गुजर रही थीं, तभी पीछे से आए एक नकाबपोश युवक ने अचानक उनके गले में पहनी सोने की कंठी पर हाथ डाल दिया।

महिला का विरोध, गले पर चोट

पीड़िता ने विरोध किया और बदमाश को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन छीना-झपटी में उनके गले पर चोट लग गई। महिला शोर मचाते हुए बदमाश के पीछे भी भागीं, मगर आरोपी तेज़ी से भाग निकला। उस समय गैलरी में कोई मौजूद नहीं था, जिससे महिला को तुरंत मदद नहीं मिल सकी।



डेढ़ लाख रुपए की कंठी ले गया बदमाश

महिला के अनुसार सोने की कंठी लगभग डेढ़ तोले वज़न की थी, जिसकी बाजार कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए आंकी जा रही है। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस टीम अस्पताल पहुंची और पीड़िता से घटना की पूरी जानकारी ली। अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर एक युवक को भागते हुए देखा गया है। पुलिस ने उसी फुटेज के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है और रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पीड़िता का बयान


पीड़िता रूखमादेवी ने बताया – "पीछे से आकर बदमाश ने सीधे कंठी पर हाथ डाला। मैंने विरोध किया तो मेरे गले पर चोट लग गई। सोने की कंठी करीब डेढ़ तोले की थी। तुरंत पुलिस को सूचना दी।"

उनकी पुत्री सुआ देवी ने कहा – "मेरे पिता अस्पताल में भर्ती हैं। मम्मी घर लौट रही थीं तभी बदमाशों ने सोने की कंठी छीन ली। यह घटना अस्पताल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।"

सुरक्षा पर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल परिसर में आए दिन चोरी और जेबकटी जैसी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन सुरक्षा इंतज़ाम नाम मात्र के हैं। अस्पताल प्रबंधन और पुलिस की लापरवाही के चलते मरीजों और परिजनों में दहशत का माहौल है।
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