सिरोही जिले में लेपर्ड के हमले में 12 साल की बालिका की मौत, वन विभाग की कार्रवाई जारी
ग्रामीणों में दहशत, लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए
सिरोही - सिरोही जिले के रोहिड़ा जोड़ उत्तमेश्वर महादेव के पास बीती रात एक दर्दनाक घटना घटित हुई, जिसमें लेपर्ड के हमले में एक 12 वर्षीय बालिका की जान चली गई। मृतका का नाम विमला पुत्री उजमाराम है। घटना स्थल पर ही बालिका की मौत हो गई, जब लेपर्ड ने उसे गले से दबोच लिया था।
*लेपर्ड का क्षेत्र में लगातार मूवमेंट*
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पिछले कई दिनों से क्षेत्र में लेपर्ड का मूवमेंट देखा जा रहा था। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब उसने इंसान पर हमला किया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
वन विभाग की कार्रवाई*
वन विभाग पिण्डवाड़ा के एसीएफ दारा सिंह राणावत ने इस मामले में जानकारी दी कि कल एक 12 वर्षीय बालिका बकरी चराने गई थी और उसी दौरान लेपर्ड ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। फिलहाल, विभाग मृतक बालिका के परिवार को नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने यह भी बताया कि लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जा रहे हैं और ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे रात को घरों से बाहर न निकलें और घर के बाहर लाइट जलाकर रखें।
*ग्रामीणों की नाराजगी*
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग ने लेपर्ड की लगातार मौजूदगी के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ। अब लोग भय के कारण रात में घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं। उन्होंने वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
इस घटना के बाद वन विभाग सक्रिय हो गया है। डीएफओ मृदुला सिंह के निर्देश पर सहायक वन संरक्षक दारा सिंह के मार्गदर्शन में एक विशेष मॉनिटरिंग टीम का गठन किया गया है। यह टीम पूरे घटनाक्रम को संजीदगी से हल करने के लिए काम कर रही है। वहीं रेंजर प्रेम सागर ने बताया कि वन विभाग ने लेपर्ड के संभावित आवागमन के क्षेत्र में पिंजरे और ट्रैप कैमरे लगा दिए हैं और तीन गश्ती दल गठित कर 24 घंटे लेपर्ड की मूवमेंट पर निगरानी रखी जा रही है।
पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार
पोस्टमॉर्टम के बाद मृतक बालिका के परिजनों द्वारा शांति पूर्वक अंतिम संस्कार कर दिया गया। ग्रामीणों की सुरक्षा और वन विभाग की निगरानी की उम्मीदें अब इस घटना के बाद और बढ़ गई हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।