बोकड़ा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन
स्कूल गेट पर लगाया ताला, अधिकारियों के आश्वासन के बाद समाप्त हुआ धरना
सिर्फ दो नियमित शिक्षक, बाकी डेपुटेशन पर
जानकारी के अनुसार, विद्यालय में कुल 17 स्वीकृत पदों में से केवल दो ही शिक्षक नियमित रूप से कार्यरत हैं, जबकि छह शिक्षक डेपुटेशन पर तैनात हैं। शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। 12वीं तक संचालित इस विद्यालय में लगभग 300 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन विषयवार शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण छात्रों की कक्षाएं नियमित रूप से नहीं लग पा रहीं।
छात्रों का सवाल—बिना पढ़ाई कैसे देंगे टेस्ट
छात्रों का कहना था कि नवंबर में टेस्ट शुरू हो रहे हैं, लेकिन शिक्षकों की अनुपस्थिति में पढ़ाई अधूरी रह गई है। “जब पढ़ाई ही नहीं हो रही, तो हम टेस्ट कैसे दें?”—इसी नाराजगी के चलते छात्रों और ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह 11 बजे स्कूल गेट के आगे धरना शुरू कर दिया।
अधिकारियों ने दिया भरोसा
दोपहर करीब 2 बजे शिक्षा विभाग से कस्तूराराम सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्रों व ग्रामीणों से बातचीत की। स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने बुधवार तक चार शिक्षकों की अस्थायी नियुक्ति का भरोसा दिया। इसके बाद तीन बजे धरना समाप्त कर दिया गया और स्कूल गेट का ताला खोला गया।
ग्रामीण बोले—हर साल दोहराई जाती है कहानी
ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है। हर शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में शिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ता है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद विभाग की ओर से स्थायी समाधान नहीं किया गया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय तक शिक्षक नहीं लगाए गए तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।
मांग—स्थायी नियुक्ति और विषयवार शिक्षक
प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से चल सके। ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।