नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास: आरोपी को 5 साल की कैद झाड़ियों में ले जाकर दरिंदगी करना चाहता था, पीड़िता ने भागकर बचाई जान
जालोर। सायला थाना क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को 5 वर्ष के कठोर कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत ने यह फैसला सोमवार को सुनाया। यह फैसला न्याय के प्रति समाज में विश्वास को मजबूत करने वाला माना जा रहा है।मामले की सुनवाई जालोर पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश प्रमोद मलिक की अदालत में हुई। अदालत ने आरोपी गोपाराम पुत्र गणेशाराम, निवासी सायला, को दोषी मानते हुए दुष्कर्म के प्रयास के अपराध में कठोर सजा सुनाई।
घटना का विवरण
सायला थाना पुलिस के अनुसार, पीड़िता के पिता ने 6 जून 2025 को थाने में लिखित रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि सुबह करीब 8 बजे उसकी नाबालिग पुत्री अपने गांव की ओर जा रही थी। रास्ते में आरोपी गोपाराम ने उसे रोका और जबरन गोचर भूमि की झाड़ियों में ले गया, जहां उसने रेप करने की नीयत से नाबालिग के साथ दरिंदगी करने का प्रयास किया।
इस दौरान पीड़िता ने साहस का परिचय देते हुए आरोपी का हाथ दांतों से काट लिया और खुद को उसके चंगुल से छुड़ाकर भाग निकली। वह सीधे घर पहुंची और रोते हुए परिजनों को पूरी घटना बताई। परिजनों ने तत्काल सायला थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस जांच और कार्रवाई
रिपोर्ट दर्ज होते ही सायला पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर घटनास्थल की निशानदेही के आधार पर जांच शुरू की। सबूत एकत्रित कर और पीड़िता व गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की।
अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों और पीड़िता के बयान को विश्वसनीय मानते हुए आरोपी को दोषी करार दिया। सुनवाई पूरी होने के बाद सोमवार को फैसला सुनाया गया, जिसमें आरोपी को 5 साल के कठोर कारावास और अर्थदंड से दंडित किया गया।
न्यायालय की टिप्पणी
विशिष्ट न्यायाधीश प्रमोद मलिक ने अपने निर्णय में कहा कि “ऐसे अपराध समाज में भय और असुरक्षा का वातावरण पैदा करते हैं। नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए दोषी को कठोर दंड मिलना आवश्यक है ताकि समाज में निवारक संदेश जाए।”
प्रशासन व समाज में चर्चा
फैसले के बाद सायला क्षेत्र में लोगों ने अदालत के निर्णय की सराहना की। लोगों का कहना है कि न्यायालय ने त्वरित सुनवाई कर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
