जालोर में भेड़ों में फैली ब्लू टंग बीमारी: पशुपालन विभाग के निदेशक ने किया जिले का दौरा, अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर दिए आवश्यक निर्देश

जालोर में भेड़ों में फैली ब्लू टंग बीमारी: पशुपालन विभाग के निदेशक ने किया जिले का दौरा, अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर दिए आवश्यक निर्देश

जालोर।

जिले में भेड़ों में फैल रही ब्लू टंग वायरल बीमारी (Blue Tongue Disease) को लेकर पशुपालन विभाग राजस्थान सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में नजर आ रहा है। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए विभाग के निदेशक डाॅ. आनंद सेजरा ने जालोर जिले का दौरा कर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।

ग्रामीण क्षेत्रों में किया स्थल निरीक्षण

डाॅ. सेजरा ने सुबह सबसे पहले आहोर क्षेत्र के भाद्राजून और भवराणी गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय पशुपालकों से मुलाकात कर भेड़ों में फैल रही बीमारी के लक्षणों, मृत्यु दर और उपचार संबंधी जानकारी ली। उन्होंने मौके पर पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को बीमार पशुओं की तत्काल पहचान कर उचित उपचार एवं क्वारैंटाइन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में दिए निर्देश



इसके बाद जिला मुख्यालय पर विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जोधपुर रेंज के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. मनमोहन नागौरी ने जालोर जिले में ब्लू टंग बीमारी की स्थिति की समीक्षा करते हुए नियंत्रण के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए।
डाॅ. आनंद सेजरा ने बैठक में स्पष्ट किया कि बीमारी की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर विशेष चिकित्सा दलों का गठन किया जाए, जो संक्रमित क्षेत्रों में जाकर उपचार कार्य करें और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावित पशुओं को क्वारैंटाइन (अलगाव) में रखा जाए।

उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभागीय टीमों को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने, पशुपालकों को जागरूक करने और टीकाकरण प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए।

जिला स्तर पर तैयारियों की समीक्षा

संयुक्त निदेशक डाॅ. गिरधर सिंह सोढ़ा ने बैठक में बताया कि जालोर जिला पूर्व में लम्पी वायरस बीमारी से सफलतापूर्वक मुक्त हुआ था और वर्तमान में भी विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है। उन्होंने निदेशक को आश्वस्त किया कि ब्लू टंग बीमारी की रोकथाम के लिए सभी संसाधनों को सक्रिय किया गया है।

डाॅ. सोढ़ा ने यह भी बताया कि जालोर जिले ने मंगला बीमा योजना और एएमएस (एनिमल मैनेजमेंट सिस्टम) के कार्यान्वयन में राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

अधिकारियों और चिकित्सकों की रही उपस्थिति

बैठक में पशुपालन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें सामला बी.वी.एस.ओ डाॅ. संजय माली, सांचोर के उपनिदेशक डाॅ. जगदीश विश्नोई, चितलवाना के डाॅ. पूनमाराम, रानीवाड़ा के डाॅ. महेश शिंदे, जसवंतपुरा के उपनिदेशक डाॅ. रामाभाई पटेल, आहोर से डाॅ. जे.पी. शर्मा, डाॅ. जितेन्द्र शर्मा, राणाराम मेंगलवा, वरिष्ठ पशुधन प्रसार अधिकारी महावीर सिंह, जसवंत राज, महेश माली, टीकम सिंह आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन पशुपालन विभाग सायला के रविन्द्र सिंह राणावत ने किया।

निरीक्षण के दौरान दिए सुधारात्मक सुझाव

समीक्षात्मक बैठक के पश्चात निदेशक डाॅ. सेजरा ने आहोर क्षेत्र के पशु चिकित्सा उपकेंद्र खारा का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और दवाइयों की उपलब्धता, साफ-सफाई, पशु उपचार रजिस्टर एवं टीकाकरण अभिलेखों की जांच की। साथ ही संबंधित अधिकारियों को फील्ड स्तर पर और अधिक सक्रियता बरतने के निर्देश दिए।

डाॅ. सेजरा ने कहा कि “ब्लू टंग एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों के माध्यम से फैलती है, अतः ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए।” उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र से संपर्क करें ताकि संक्रमण को समय रहते रोका जा सके।

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